पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ को अमाइलॉइडोसिस बीमारी ने जकड़ा

दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना के तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ पिछले तीन हफ्ते से अस्पताल में भर्ती हैं। उनके परिवार ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा कि वे अमाइलॉइडोसिस नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके चलते उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। अब रिकवरी की भी कोई गुंजाइश बाकी नहीं है।

ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के मुताबिक, अमाइलॉइडोसिस दुर्लभ और गंभीर बीमारियों का समूह है। इसमें इंसान के शरीर में अमाइलॉइड नाम का असामान्य प्रोटीन बनने लगता है। यह दिल, किडनी, लिवर, नर्वस सिस्टम, दिमाग आदि अंगों में जमा होने लगता है, जिस वजह से इन अंगों के टिशूज ठीक से काम नहीं कर पाते।

अमाइलॉइड का जमना इतना खतरनाक है कि सही वक्त पर इलाज न मिलने से इंसान को ऑर्गन फेलियर का भी खतरा होता है। मुशर्रफ को इस बीमारी का पता 2018 में चला था, जिसके बाद से ही उनका इलाज चल रहा है। अमाइलॉइडोसिस होने की कई वजहें हो सकती हैं। ज्यादातर मरीजों को यह बीमारी आनुवंशिक होती है। लोगों के जीन में म्यूटेशन के चलते भी इसके लक्षण आ सकते हैं। कई बार लंबे समय से चल रहे डायलिसिस के कारण भी अमाइलॉइडोसिस हो सकता है। इसके अलावा ये किसी प्राइमरी बीमारी की सेकेंडरी बीमारी भी हो सकती है।

अमाइलॉइडोसिस के लक्षण इतने नॉर्मल होते हैं कि इस बीमारी की पहचान करने में बहुत कठिनाई होती है। इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर्स मरीज के प्रभावित अंग के टिशू के सैंपल की जांच करते हैं। इसके साथ ही ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट और जेनेटिक टेस्ट भी किए जाते हैं।

अमाइलॉइडोसिस का इलाज प्रभावित अंग, लक्षण और बीमारी के प्रकार पर निर्भर करता है। इसके लिए डॉक्टर कीमोथैरेपी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसे विकल्प भी चुन सकते हैं। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने अमाइलॉइडोसिस के लिए कुछ दवाएं भी मंजूर की 

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