फर्जी गोल्डन कार्ड मामला: आयुष्मान योजना ने भ्रस्टाचार को दी नयी राह,

दिल्लीः

आयुष्मान योजना में पांच लाख रुपये तक इलाज की योजना ने भ्रष्टाचार की नई राह खोल दी है। इस योजना के लाभार्थी सूची में बड़ी संख्या में गरीब तबके के लोग शामिल नहीं हैं। ऐसे जरूरमंदों को कॉमन सर्विस सेंटर वाले शिकार बना रहे हैं। वह लोगों के फर्जी गोल्डन कार्ड बना रहे हैं। जिले में अब तक 100 से अधिक फर्जी गोल्डन कार्ड विभाग की पकड़ में आ चुके हैं। शुरुआती जांच में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएचएसी) की मिली भगत की बात सामने आई है। इस पर सीएमओ ने जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही ऐसे मामले में मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है।

आयुष्मान योजना के तहत शामिल हर परिवार को सालाना पांच लाख रुपए तक के इलाज की सुविधा सरकार देती है। इसके तहत लोग निजी अस्पतालों में भी इलाज करवा सकते हैं। यह कार्ड आशा और आंगनबाड़ी वर्कर के माध्यम से लोग निशुल्क बनवा सकते हैं। जबकि, कॉमन सर्विस सेंटर पर बनवाने के लिए इसके ‌एवज में 30 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। पांच लाख रुपये के निशुल्क इलाज की लालच में जिले के 100 से अधिक लोगों ने दूसरों के नाम पर अपने गोल्डन कार्ड बनवा लिए हैं।

फर्जी कार्डधारकों को नहीं मिलेगा लाभ

डॉ. एके सिंह ने बताया कि जिन लोगों ने फर्जी तरीके से इलाज के लालच में गोल्डन कार्ड बनवा लिए हैं। वह लोग उसका लाभ नहीं ले सकेंगे। क्योंकि, उसका भुगतान आधार और आईडी के आधार पर निजी अस्पतालों में होता है। ऐसे में लोग लालच में आकर गोल्डन कार्ड न बनवाएं। अगर ऐसा करते हुए पकड़े जाते हैं, तो उनके खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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