“हमारे देश में भी चीजों के दाम कुछ हद तक बढ़े हैं। ये वृद्धि कितनी होगी, इस बारे में अभी अनिश्चय की स्थिति है।”-शेख हसीना
दिल्लीः
बांग्लादेश में रसोई गैस की कीमत में बढ़ोतरी अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने इस निर्णय के खिलाफ देश भर में तीन दिन तक विरोध-प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी है। पार्टी ने कहा है कि जिस समय देश के लोग उम्मीद कर रहे थे कि सरकार महंगाई से राहत वाले कदम उठाएगी, उस समय गैस के दाम बढ़ा कर लोगों पर नया बोझ डाल दिया गया है।
बांग्लादेश एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन ने गैस के दाम बढ़ाने का एलान रविवार को किया था। इसके बाद सोमवार को बीएनपी ने एक आपात बैठक की। पार्टी ने मंगलवार को अपने विरोध कार्यक्रम का एलान किया। रेगुलेटरी कमीशन ने गैस के दाम में वृद्धि को एक जून से- यानी बीती तारीख से लागू करने का फैसला किया है। इस निर्णय के मुताबिक रसोई गैस की कीमत औसतन 22.78 फीसदी बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक एक साथ लगभग एक चौथाई की इस वृद्धि से बांग्लादेश के आम उपभोक्ताओं में भी नाराजगी देखी जा रही है।
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने एलान किया कि गुरुवार से शनिवार तक ढाका सहित देश के तमाम शहरों में बड़े जन प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। पार्टी ने कहा कि गैस की बढ़ी कीमत को वापस कराने तक उसका ये आंदोलन चलता रहेगा। बीएनपी ने कहा है कि गैस के दाम बढ़ने से लोगों का घरेलू बजट बिगड़ेगा, साथ ही इसका असर उर्वरक कारखानों, औद्योगिक इकाइयों और बिजली उत्पादन पर भी पड़ेगा। इन सबमें प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल होता है। पार्टी ने कहा कि सरकार का यह फैसला महंगाई की मार को और तीखा कर देगा।
इस बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लोगों से किफायत से चलने की अपील की है। उन्होंने मंगलवार को एक समारोह में कहा कि यूक्रेन युद्ध और कोरोना महामारी के कारण महंगाई दुनिया भर में बढ़ रही है। उन्होंने कहा- ‘हमारे देश में भी चीजों के दाम कुछ हद तक बढ़े हैं। ये वृद्धि कितनी होगी, इस बारे में अभी अनिश्चय की स्थिति है। ऐसा सिर्फ बांग्लादेश में नहीं हो रहा है, बल्कि पूरी दुनिया में यही हाल है। हम तो कीमतों को कुछ हद तक काबू में रखने में सफल रहे हैं। सरकारी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है।’