स्टॉक की कमी के कारण बढ़े सरसों कच्ची घानी तेल के दाम: इंदौर
दिल्लीः मंडियों में सरसों का स्टॉक आना भी निरंतर कम होता जा रहा है। इस हालत के मद्देनजर सरसों तेल-तिलहन के भाव भी मजबूत बंद हुए। वहीं, सोयाबीन तेल, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में मजबूती आई
विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में गुरुवार को सरसों तेल- तिलहन, सोयाबीन तेल, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में मजबूती आई, जबकि सामान्य कारोबार के दौरान मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।
मांग कम होने के बावजूद मलेशिया एक्सचेंज में तेजी से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें मजबूती के साथ बंद हुईं। स्टॉक खत्म होने की ओर है, ऐसे में मांग होने से बिनौला तेल में भी सुधार रहा। जबकि, शिकॉगो एक्सचेंज के मजबूत होने की वजह से सोयाबीन तेल के भाव में सुधार रहा। सामान्य कारोबार के दौरान सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों की कमी को सरसों रिफाइंड तेल से पूरा करने की कवायद चल रही है और मंडियों में सरसों का स्टॉक आना भी निरंतर कम होता जा रहा है। इस हालत के मद्देनजर सरसों तेल-तिलहन के भाव भी मजबूत बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि लगभग 65 प्रतिशत जरूरत के लिए आयात पर निर्भरता के अलावा एक बड़ी समस्या खाद्य तेलों में हाल के दिनों में भारी उछाल की है, जिसकी जड़ में खुदरा कारोबारियों द्वारा अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की आड़ में उपभोक्ताओं से थोक बिक्री मूल्य के मुकाबले 50-70 रुपये की अधिक कीमत वसूला जाना है।