किरेन रिजिजू के बयान पर पी चिदंबरम ने कहा- क़ानून मंत्री को लक्ष्मण रेखा खींचने का अधिकार नहीं
दिल्लीः पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम ने केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू को उनकी लक्ष्मण रेखा वाली टिप्पणी पर घेरा है. बुधवार को राजद्रोह क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किरेन रिजिजू ने कहा था कि कोर्ट को विधायिका और सरकार का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि सरकार को भी अदालतों का सम्मान करना चाहिए. दोनों के कार्यक्षेत्र निर्धारित हैं और किसी को लक्ष्मण रेखा नहीं पार करनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र को इस क़ानून पर फिर से विचार करने को कहा था और ये भी आदेश दिया था कि समीक्षा पूरी होने तक इस क़ानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं होगी. अब पी चिदंबरम ने किरेन रिजिजू की टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भारत के क़ानून मंत्री को मनमाने तरीक़े से लक्ष्मण रेखा खींचने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें संविधान के अनुच्छेद 13 को पढ़ना चाहिए.
उन्होंने आगे लिखा है- विधायिका क़ानून नहीं बना सकती और न ही उस क़ानून को क़ानून की किताब में बने रहने दिया जा सकता है, जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. पी चिदंबरम ने कहा कि क़ानून के कई जानकारों की नज़र में राजद्रोह क़ानून संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री या उनके लोग उस क़ानून को बचा नहीं सकते.