KV में एडमिशन को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने लिया बड़ा फैसला, इन्हें मिलेगी प्राथमिकता

दिल्लीः केंद्रीय विद्यालयों KV में दाखिले को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने अब सांसदों को मिलने वाला 10 सीटों का कोटा समाप्त कर दिया गया है। अब आपको एडमिशन के लिए किसी सांसद या डीएम के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा कई सांसदों को यह जानकारी दी गई है कि वे कोटे के तहत दाखिले की सिफारिश न भेजें। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने फैसला किया है कि केवीएस में उन छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है।

गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला दिलाने के लिए सांसदों को यह कोटा मिलता था। सांसद अपने निर्धारित कोटे के आधार पर अपने क्षेत्र में छात्रों के दाखिले की सिफारिश करते थे। सांसदों की सिफारिश के आधार पर अधिकतम 10 छात्रों को दाखिला दिया जा सकता था। हालांकि अब यह प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस वर्ष केंद्रीय विद्यालयों की दाखिला प्रक्रिया में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन किया जा रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक पहली कक्षा में दाखिले के लिए छात्रों की आयु एक मार्च 2022 तक छह वर्ष पूरी होनी चाहिए। इससे पहले केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटे के अतिरिक्त केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर भी 450 विद्यार्थियों को दाखिला देने की व्यवस्था भी खत्म कर दी गई थी।

सांसद कोटे के विषय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि क्या हम अपने अधिकार का प्रयोग कुछ चंद लोगों के लिये करेंगे या फिर सांसद के तौर पर हम सभी के लिये समान काम करेंगे।अब तक सांसद कोटे से 7,500 दाखिले होते रहे। इस बीच इस बार केंद्रीय विद्यालय संगठन ने फैसला किया है कि केवीएस में उन छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। इस वर्ष कक्षा एक से बारहवीं तक किसी भी कक्षा के लिए सभी केन्द्रीय विद्यालय में इस नियम का पालन किया जाएगा।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker