स्पाइसजेट के पायलटों पर बोइंग 737 उड़ाने पर रोक

दिल्ली: डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने स्पाइसजेट एयरलाइन के 90 पायलटों को बोइंग 737 मैक्स विमान उड़ाने से रोक दिया है। इसकी वजह पायलटों की प्रॉपर ट्रेनिंग न होना है। DGCA ने पायलटों की ट्रेनिंग में कई खामियां पाई है। इन पायलटों की सिमुलेटर ट्रेनिंग नोएडा के एक सेंटर में हुई थी। DGCA ने चूक के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कही है।

हालांकि, DGCA के इस कदम से स्पाइसजेट के ऑपरेशन प्रभावित नहीं होंगे। स्पाइसजेट के पास बोइंग 737 मैक्स पर ट्रेन्ड 650 पायलट हैं। इनमें से 90 पायलटों पर रोक लगने के बाद अभी भी उसके पास 560 पायलट उपलब्ध हैं। स्पाइजेट वर्तमान में 11 मैक्स विमानों का ऑपरेशन करता है। इन 11 विमानों को ऑपरेट करने के लिए लगभग 144 पायलटों की जरूरत है। यानी वर्तमान आवश्यकता की तुलना में उसके काफी ज्यादा पायलट है।

फ्लाइट सिमुलेटर एक वर्चुअल रियल्टी सिस्टम है। रियल प्लेन की ही तरह का एन्वायर्नमेंट इसमें क्रिएट किया जाता है। फ्लाइट सिमुलेटर का मुख्य उद्देश्य पायलट को संपत्ति या जीवन के किसी भी जोखिम को शामिल किए बिना ट्रेनिंग देना होता है। हवा में ट्रेनिंग लेने की तुलना में इसमें काफी कम लागत आती है। एक साधारण फ्लाइट सिमुलेटर सिस्टम में मल्टिपल डिस्प्ले, कंट्रोल डिवाइस, कम्युनिकेशन के लिए एक ऑडियो सिस्टम और कंट्रोल इनपुट को प्रोसेस करने और फ्लाइट डेटा रिकॉर्ड करने के लिए एक कंप्यूटर सिस्टम होता है।

DGCA के डायरेक्टर जनरल अरुण कुमार ने कहा, ‘फिलहाल हमने पायलटों को मैक्स विमान उड़ाने से रोक दिया है और उन्हें इसे उड़ाने के लिए फिर से ट्रेनिंग लेनी होगी। हम चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।’ वहीं, स्पाइसजेट ने इस मामले पर कहा, ‘DGCA ने 90 पायलटों की ट्रेनिंग प्रोफाइल का ऑब्जरवेशन किया और मैक्स विमान उड़ाने से रोक दिया। दोबारा ट्रेनिंग के बाद पायलट विमान उड़ा सकेंगे।’

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