कई तरह के भ्रम में रखने वाली बीमारी है सिजोफ्रेनिया

क्या आपको कई बार यह महसूस होता है कि आप किसी भ्रम में जी रहे हैं या फिर अपनी ही बनाई किसी काल्पनिक दुनिया में रहते हैं, अगर जवाब हां में है तो बात चिंता की हो सकती है। जी हां, आप सिजोफ्रेनिया नाम के मनोरोग से पीडित हो सकते हैं। 

सिजोफ्रेनिया एक ग्रीक शब्द है, जिसका मतलब है ‘स्प्लिट माइंड’। सिजोफ्रेनिया एक मनोरोग है जो किसी व्यक्ति में मानसिक विकार के बारे में बताता है। सिजोफ्रेनिया के कुछ मरीज एक तरह की काल्पनिक दुनिया या भ्रम की स्थिति में रहते हैं।

वास्तविक दुनिया से इनके विचार अलग होते हैं। कई लोग इस बीमारी को स्प्लिट पर्सनैलिटी समझते हैं जबकि ये एक दूसरे तरह का डिसऑर्डर है।ये लोग अपने भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते हैं।

जिंदगी से इनकी दिलचस्पी खत्म हो जाती है और यह किसी भी बात को लेकर बहुत ज्यादा भावुक हो जाते हैं। इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर किशोरावस्था और 20 साल की उम्र में दिखाई देते हैं।

दोस्तों और परिवार से खुद को अलग कर लेना, दोस्त या सोशल ग्रुप बदलते रहना,किसी चीज पर फोकस ना कर पाना, नींद की समस्या, चिड़चिड़ापन, पढ़ाई-लिखाई में समस्या होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।

जर्मनी और ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने ऐसे जीन म्यूटेशन की खोज की है ,जो किसी व्यक्ति में सिजोफ्रेनिया होने के खतरे और उसके कारणों के बारे में जानकारी देता है। 

शोधकर्ताओं की दो अंतरराष्ट्रीय टीमों ने ऐसे जीन म्यूटेशन की खोज की है, जिनके बारे में उनका कहना है कि वे किसी व्यक्ति में इस बीमारी के विकास की संभावना को प्रभावित करते हैं।

करीब 120 और भी ऐसे जीन म्यूटेशन हो सकते हैं, जिनकी इस बीमारी में भूमिका हो सकती है। इस मौलिक रिसर्च का मौजूदा मरीजों को तुरंत फायदा नहीं होगा, लेकिन रिसर्चरों का मानना है कि इससे इलाज को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

बर्लिन के चैरिटी मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ता और विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रकाशित दो पेपर में से एक के सह-लेखक स्टीफन रिप्के कहते हैं, सिजोफ्रेनिया के बारे में हम बिल्कुल ही कम जानते हैं, शून्य के करीब। उ

न्होंने कहा कि जीन म्यूटेशन की खोज से किसी व्यक्ति में सिजोफ्रेनिया के जोखिम का अनुमान लगाने और दवा के साथ बीमारी का बेहतर तरीके से इलाज करने में मदद मिल सकती है।

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