जन्मोत्सव से जुड़े वैचारिक मतभेद व पूजन

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व बजरंग बली के भक्तों के लिए हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती का दिन बेहद खास होता है। हालांकि हनुमान जन्मउत्सव को लेकर कुछ वैचारिक मतभेद भी हैं।

प्राचीन काल से मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आता है, जबकि कुछ मतों के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को उनका जन्मदिन मनाया जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, हनुमान जयंती चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आती है। इस साल यह तिथि 16 अप्रैल को पड़ रही है। ऐसे में हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती 16 अप्रैल, शनिवार को मनाई जाएगी।

1. तमिलनाडु व केरल में हनुमान जयंती मार्गशीष माह की अमावस्या को और उड़ीसा में वैशाख के पहले दिन मनाई जाती है।
3. कुछ मतों के अनुसार,चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप व कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
4. विजय अभिनंदन महोत्सव यानी हनुमान जी सूर्य को फल समझकर खाने के लिए दौड़े थे।
5. कुछ मतों के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हु था। जबकि अन्य मतों के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा को मेष लग्न व चित्रा नक्षत्र में हनुमान जी का जन्म हुआ था।

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