बीरभूम हिंसा: मृतकों के परिजनों से मिलीं सीएम ममता, 5 लाख की मदद का ऐलान

दिल्लीः मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बीरभूम में हिंसा पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचीं। ममता ने पीड़ितों से हमदर्दी दिखाई तो उनका दर्द आंखों से छलक उठा। ममता ने किसी अपने की तरह रोते हुए शख्स को पानी पिलाया और उसके आंसू पोछे।

ममता ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन को 5 लाख रुपए का चेक दिया। इसके साथ ही कहा कि आग में जल चुके घरों को सुधारने के लिए 2-2 लाख रुपए दिए जाएंगे। मरने वाले 10 लोगों के परिवारों को नौकरी दी जाएगी।

ममता ने कहा कि मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए कि लोग भाग गए। मैं चाहती हूं कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया जाए। और चूक करने वाले पुलिसकर्मियों को सजा मिले। गवाहों को पुलिस सुरक्षा दी जाए।

टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद सुदीप ने कहा, ‘हमने रामपुरहाट, बीरभूम की घटना को देखते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को हटाने की मांग की है। उनका काम हमारी संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है। संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में है।

उधर गवर्नर जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह एक शर्मनाक घटना है। जो सरकार पर लगा कभी न मिटने वाला धब्बा है। लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से जिंदा जलाना बहुत दर्दनाक होता है। मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह सबक सीखे।

सोशल मीडिया पर बीरभूम में ममता के स्वागत में तोरण लगाते हुए लोगों का एक वीडियो सामने आया है। जिससे लोगों का गुस्सा भड़क गया है। उन्होंने ममता को खरी-खोटी सुनाने में कोर्ठ कसर बाकी नहीं रखी। लोग वीडियो-फोटो शेयर कर पूछ रहे हैं कि थोड़ी भी शर्म है ममता दीदी को, तो स्वागत बोर्ड हटवा देतीं। यहां वो किसी का दर्द बांटने आ रही हैं या चुनाव प्रचार करने आ रही हैं।

ममता के मंत्री फिरहाद हकीम बीरभूम के बागतुई पहुंच चुके हैं। वहीं इस मामले में राज्य सरकार को कोलकाता हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट जमा करनी है। पुलिस ने अभी तक हिंसा में शामिल रहे 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी से पूछताछ जारी है। सरकार ने जांच के लिए SIT का गठन किया है।

कोलकाता हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि इस मामले के चश्मदीदों, ग्रामीणों और मृतकों के रिश्तेदारों को सुरक्षा देने की जरूरत है। रामपुरहाट के हिंसा प्रभावित इलाके में CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। कोलकाता हाईकोर्ट ने एक दिन पहले ही घटना स्थल की 24 घंटे निगरानी के लिए कैमरे लगाने का निर्देश दिया था, ताकि सुबूतों से छेड़छाड़ न हो सके।

इधर, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी की चिट्ठी का जवाब भेजा है। धनखड़ ने जवाबी पत्र में लिखा है कि मामले को दबाने की कोशिश है, इसलिए SIT का गठन किया गया है। हिंसा के बाद राज्यपाल के वीडियो पर ममता ने ऐतराज जताते हुए पत्र लिखा था और SIT से जांच कराने की मांग की थी।

बीरभूम पहुंचे CPIM के स्टेट सेक्रेटरी मो. सलीम ने कहा कि तृणमूल के शासन में पुलिस और सत्ताधारी पार्टी एक-दूसरे के पूरक बन गए हैं। यहां पर अपराधियों का तांडव जारी है। सलीम ने कहा कि नवान्न (सचिवालय) की देखरेख में हिंसा को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि रात के अंधेरे में गांव में अपराधियों ने हिंसा की वारदात को उस समय अंजाम दिया, जब गांव में पुरुष नहीं थे।

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