फैकल्टी को तरसे-कोर्स बदलने की तैयारी

राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में फैकल्टी की कमी के चलते कोर्स बदला जा रहा है। पहले जहां मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) की गाइड लाइन के अनुसार पीजी कोर्स हुआ करते थे, वहीं अब डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड से पीजी कराने की तैयारी शुरू हो गई है। इसका प्रभाव पीजी के छात्रों की पढ़ाई के साथ मरीजों के स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा।

फैकल्टी न होने के चलते हड्डी रोग विभाग में पीजी शुरू नहीं हो पा रही थी। 7 अक्तूबर को डीएनबी की टीम ने एसटीएच के हड्डी रोग विभाग का दौरा किया।

इसके बाद से हड्डी रोग विभाग में डीएनबी की सीटें मिलने की उम्मीद है। एमसीआई से डीएनबी की तरफ जाने का मतलब यह है कि मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी है।

फैकल्टी की कमी है तो फिर एमबीबीएस की पढ़ाई कैसे की जा रही है, यह सवाल प्रमुखता से खड़ा होगा। 2022 में एमसीआई का निरीक्षण होना है।

स्थिति को नहीं सुधारा गया तो एमबीबीएस की सीटों पर भी खतरा मंडरा सकता है। वहीं, राजकीय मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी का संकट सालों से बना हुआ है। इसका बड़ा कारण फैकल्टी को कांट्रैक्ट पर रखे जाने के साथ ही सैलरी भी कम है।

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