चंदखुरी में 51 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण

भगवान राम जिस वन पथ पर चलकर मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए, छत्तीसगढ़ में वह एक बार फिर जीवंत हो गया है। राम वन गमन मार्ग देश-दुनिया के श्रद्धालुओं लिए खुल गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को मां कौशल्या की नगरी चंदखुरी में राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के पहले चरण का लोकार्पण किया।

तीन दिवसीय भव्य समारोह का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान श्री राम का छत्तीसगढ़ से बड़ा गहरा नाता है। 

बघेल ने कहा, ”भगवान राम हम छत्तीसगढ़ियों के जीवन और मन में रचे बसे हैं। सोते-जागते, एक-दूसरे का अभिवादन करते, सुख हो अथवा दुख हर पल हम छत्तीसगढ़िया लोग भगवान श्री राम का सुमिरन करते हैं।

हम छत्तीसगढ़िया लोग, भगवान श्री राम को माता कौशल्या के राम, भांचा राम, वनवासी राम, शबरी के स्नेही और दयालु राम के रूप में जानते और मानते हैं।

भगवान श्री राम ने अपने वनवास की 14 साल की अवधि में से लगभग 10 साल की अवधि छत्तीसगढ़ में व्यतीत की।

माता कौशल्या से मिले संस्कार और छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों, वनवासियों और किसानों के साथ बिताई अवधि ने उनके व्यक्तित्व को इतनी ऊंचाई दी कि भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।”

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी ही नहीं पूरा छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है।

उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम का यह प्रताप है कि छत्तीसगढ़िया लोग भांजे को राम के रूप में मानते हैं और उन्हें प्रणाम करते हैं।

बघेल ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी और कहा कि कोरिया जिले के सीतामढ़ी में हरचौका से लेकर सुकमा के रामाराम तक लगभग 2260 किलोमीटर का राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित किया जा रहा है।

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