धोखा खाने जैसा महसूस होता है : सीपीआई नेता
सीपीआई की नेशनल काउंसिल की बैठक तीन दिनों तक चली और यह 4 अक्टूबर को खत्म हुई है। यूं तो इस बैठक में कन्हैया कुमार को लेकर चर्चा नहीं हुई है लेकिन सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि पार्टी कन्हैया कुमार के कदम को एक धोखे के तौर पर देखती है।
सूत्रों के मुताबिक पार्टी का मानना है कि सीपीआई में शामिल होनने के बाद कन्हैया कुमार को बहुत जल्द बड़ा ओहदा दे दिया गया वो पार्टी के नेशनल एग्जीक्यूटिव बना दिये गये।
सीपीआई नेशनल काउंसिल की बैठक में कई नेता शामिल हुए। तीन दिनों तक चली इस बैठक में शामिल होने वाले कई नेताओं का मानना है कि कन्हैया के कांग्रेस ज्वायन करने से वो चकित नहीं है यह उनकी मौकापरस्ती को दिखाता है।
सीपीआी के महासचिव डी राजा ने कहा, ‘कन्हैया पर कोई चर्चा नहीं हुई। हालांकि, उनके सीपीआई छोड़ कर जाने पर पार्टी के कुछ सहयोगियों ने अपने कमेंट जरुर किये।
जैसा की मैंने पहले भी कहा है कि कन्हैया का जाना उनके लक्ष्य का नतीजा था। कोई राजनीतिक सिद्धांतों को लेकर कोई कमिटमेंट नहीं।’
सीपीआई के नेता ने आगे कहा कि हमनें उनको हर मौका दिया। सीपीआई में आते ही हमने उन्हें नेशनल एग्जीक्यूटिव बना दिया और वो विधानसभा चुनाव भी लड़े।
डी राजा ने कहा कि इस बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड, गुजरात और गोवा में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान हमने अपनी चुनावी तैयारियों पर चर्चा की।
सीपीआई की तरफ से यह भी कहा गया है कि वो बीजेपी-आरएसएस के खिलाफ कैंपेन बढ़ाने पर फोकस करेगी।