बाढ़ और कोरोना काल में खर्च कर दिये 6 करोड़ रुपये

बाढ़ व कोरोना काल में चली सामुदायिक रसोई पर खर्च किये गए छह करोड़ रुपये कहां से आये थे, इसका जवाब ढूंढ़े नहीं मिल रहा है।

मुजफ्फरपुर जिले के अंचलाधिकारियों ने विभाग से छह करोड़ की राशि तो मांगी है, लेकिन यह नहीं बताया है कि खर्च के लिए यह राशि जुटायी कहां से गई थी।

आपदा प्रबंधन कार्यालय अब अधिकारियों से इसकी जानकारी लेगा कि यह राशि कहीं फंड डायवर्ट कर तो खर्च नहीं की गई थी। 

मुजफ्फरपुर के अंचलाधिकारियों ने आपदा प्रबंधन शाखा को रिपोर्ट भेज जिले में बाढ़ के दौरान सामुदायिक रसोई में लोगों को खाना खिलाने में खर्च के 5.5 करोड़ रुपये की मांग की है।

अंचलाधिकारियों ने कहा है कि यह राशि आवंटन की प्रत्याशा में खर्च की गई, इसलिए आवंटन दिया जाये ताकि इसकी भरपायी हो सके।

वहीं कोविड काल में चली सामुदायिक रसोई में भी अंचालाधिकारियों ने एक करोड़ रुपये खर्च किये थे। आशंका है कि बिना आवंटन यह राशि फंड डायवर्ट कर खर्च की गई होगी, लेकिन विभाग को अंचलाधिकारियों ने इसकी जानकारी ही उपलब्ध नहीं करायी है। 

दिये गये ब्योरा के अनुसार बाढ़ के दौरान मुशहरी अंचलाधिकारी ने सामुदायिक रसोई पर दो करोड़ अतिरिक्त खर्च किये, मोतीपुर अंचलाधिकारी ने 71 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च किये हैं।

वहीं कटरा अंचलाधिकारी ने 21 लाख तो पारू अंचलाधिकारी ने तीन लाख की राशि अतिरिक्त खर्च किये।

वहीं कांटी अंचलाधिकारी ने बाढ़ पीड़ितों पर पहले से उपलब्ध आवंटन के अलावा 38 लाख व, बोचहां अंचलाधिकारी ने डेढ़ करोड़, बंदरा अंचलाधिकारी ने 29 लाख, मीनापुर अंचलाधिकारी ने 46 लाख अतिरिक्त खर्च किये हैं। 

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