स्मार्ट सिटी की रोड में बाधक बन रहा व्यापारियों का बेरोजगार होना

इंदौर। बड़ा गणपति से कृष्णपुरा पुल तक बनाई जाने वाली स्मार्ट सिटी रोड के बाधक निर्माण हटाने के लिए नगर निगम द्वारा अब विधिवत नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

कृष्णपुरा मार्ग पर स्थित 138 साल पुराने इंदौर जनरल लाइब्रेरी भवन को निगम ने खतरनाक मानते हुए इसे तोडऩेका नोटिस जारी कर दिया है।

लाइब्रेरी संचालित करने वाले ट्रस्ट के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वीएस कोकजे ने नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए कहा है कि निगम ने खतरनाक घोषित किया है तो तोडऩा पड़ेगा।

दूसरी तरफ इस भवन के नीचे दुकानें संचालित करने वाले 16 दुकानदारों का दावा है भवन जर्जर नहीं है। यदि इसे नोटिस के आधार पर ही तोड़ा जाता है तो हम लोग बेरोजगार हो जाएंगे, तीन पीढिय़ों से इन्हीं दुकानों से हमारी रोजी रोटी चल रही है।

ऐतिहासिक धरोहर राजवाड़ा के ठीक दाहिनी तरफ स्थित इंदौर जनरल लाइब्रेरी भवन को महाराजा तुकोजीराव ने 1909 में बनवाया था। मराठा-ब्रिटिश शैली में निर्मित इस भवन में पहले राज्य का न्यायालय लगता था।

कुछ समय बाद अंग्रेजों का रेसीडेंसी ऑफिस भी रहा। बाद में यह इंदौर जनरल लायब्रेरी भवन की तल मंजिल पर 16 दुकानदार किराएदार हैं। 60 से 90 साल पुराने दुकानदारें का किराया बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन इसी किराया राशि से वाचनालय की गतिविधियों का संचालन होता रहा है।

इस संबंध में दुकानदारों का कहना है कि हम निम को सहयाग करने को तैयार हैं लेकिन निगम और वाचनालय ट्रस्ट हमारे भविष्य की भी चिंता नहीं कर रहा है।

दुकानदारों का कहना है कि नए भवन में निकाली जाने वाली दुकानों में हमें प्राथमिकता दी जाए। हमें शर्तें मानने में एतराज नहीं है लेकिन क्षेत्र के विधायक आकाश विजयवर्गीय ट्रस्ट पदाधिकारियों और हमारे बीच मध्यस्थता का काम करेंगे।

इसी परिसर में निर्मित नए भवन में से पुराने भवन में जो 16 किराएदार हैं इन दुकानदारों को एक रुपए के स्टाम्प पर हुई लिखापढ़ी के आधार पर दुकानें दी गई थी।

स्मार्ट सिटी कंपनी ने बड़ा गणपति से कृष्णापुरा पुल तक के मार्ग को 60 फीट चौड़ा बनाने का निर्णय िलया है। इसमें से अधिकांश दुकानें चौपट ही हो जाएगी। ट्रस्ट को दुकादनारों की भी चिंता करनी चाहिए।  

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