स्वच्छता में ही नहीं बच्चों के अपहरण-शोषण के मामले में इंदौर टॉप पर

इंदौर। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर बच्चों के अपहरण और पॉक्सो अधिनियम के मामले में मध्यप्रदेश में सबसे असुरक्षित बताया गया है।

एनसीआरबी की 2020 क्राइम इन इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि इंदौर दो बड़े अपराधों में प्रदेश में सबसे ऊपर है। मप्र में बच्चों के अपहरण के कुल 7058 मामले दर्ज किए गए। इनमें से अकेले इंदौर में 546 मामले दर्ज हुए।

इसके बाद भोपाल 579 और सतना 279 मामले दर्ज हुए। मप्र में पॉक्सो एक्ट के तहत कुल 5648 मामले दर्ज किए गए। इनमें से इंदौर में कुल 293 मामले दर्ज किए गए। भोपाल और जबलपुर ने क्रमश: 284 और 251 मामलों के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।

आईपीसी क्राइम अगेंस्ट चिल्ड्रन के कुल मामलों में इंदौर राज्य में 689 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर था। 284 मामलों के साथ रीवा सबसे ऊपर स्थान पर रहा और भोपाल को 726 मामलों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।

एनसीआरबी के 2018, 2019 और 2020 के आंकड़ों के अनुसार, बच्चों के अपहरण (कुल) और बाल शोषण के अधिकतर मामलेे दर्ज करने में इंदौर पहले स्थान पर रहा है। 2018 में, इंदौर 602 था जो 2019 में बढ्कर 697 हो गया और फिर 2020 में अपहरण के कुल मामले घट कर 546 हुए।

इसी तरह, पॉक्सो अधिनियम के कुल मामलों में 2018 में 447 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद 2019 में 396 और 2020 में 293 मामले दर्ज किए गए।

हालांकि इंदौर जिले में पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक अपहरण के मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन 2019 और 2020 के बीच 141 मामलों की कमी देखी गई है। वहीं, पॉक्सो अधिनिय में इंदोर जिले में 2018 तक पॉक्सो मामलों की संख्या में लगातार कमी आई है।  

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