काबुल मेयर ने महिला कर्मचारियों को घर पर रहने की दी हिदायत

दिल्ली: काबुल के अंतरिम मेयर ने कहा है कि शहर की कामकाजी महिलाएं घर पर ही रहें. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सिर्फ उसी काम की अनुमति होगी जो पुरुष नहीं कर सकते.कामकाजी महिलाओं को लेकर तालिबान ने 19 सितंबर को एक नया आदेश जारी किया है. तालिबान का कहना है कि महिलाओं को सिर्फ वही काम करने की इजाजत होगी जो पुरुष नहीं कर सकते हैं. यह फैसला अधिकतर महिला कर्मचारियों को काम पर लौटने से रोकेगा. शहर की अधिकांश महिला श्रमिकों को वापस काम पर जाने से रोकने का फैसला एक और संकेत है कि तालिबान इस्लाम की कठोर व्याख्या को लागू कर रहा है, जबकि उसने सहिष्णु और समावेशी सरकार का वादा किया था.

तालिबान नेताओं ने महिला अधिकारों को लेकर अब तक यही कहा है कि महिलाओं को शरिया कानून के दायरे में आजादी दी जाएगी. अंतरिम मेयर हमदुल्लाह नामोनी ने अपनी नियुक्ति के बाद पहली बार पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए रविवार को कहा कि पिछले महीने तालिबान के सत्ता पर काबिज होने से पहले शहर में करीब तीन हजार महिला कर्मचारी थीं और वे सभी विभागों में काम करती थी. नामोनी ने कहा कि महिला कर्मियों पर अगला फैसला होने तक उन्हें घर पर ही रहना होगा. महिला अधिकारों को सीमित करता तालिबान पिछली बार जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर 1996-2001 के बीच राज किया, लड़कियों को स्कूल जाने की इजाजत नहीं थी और महिलाओं के काम करने पर कड़ी पाबंदियां लगी हुई थीं. धार्मिक पुलिस को बहुत ज्यादा ताकत हासिल थी और वे किसी को भी नियम तोड़ने के आरोप में कोड़े लगा सकते थे. हाल के दिनों में नई तालिबान सरकार ने लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों को वापस लेते हुए कई फरमान जारी किए हैं.

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