विकास दुबे की रिश्तेदार की बेल अर्जी पर SC में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिकरू कांड में आरोपी खुशी दुबे की बेल अर्जी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। खुशी दुबे एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की रिश्तेदार है। खुशी दुबे ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से खारिज की गई बेल याचिका के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्णा मुरारी की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से खुशी दुबे की याचिका पर जवाब मांगा है। खुशी दुबे ने अपने नाबालिग होने का दावा किया है।
खुशी दुबे बिकरू कांड में एक आरोपी रहे अमर दुबे की विधवा है। अमर दुबे न सिर्फ विकास दुबे का रिश्तेदार था बल्कि वह काले कारनामों में भी सहयोगी थी।
खुशी दुबे के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया की जिस समय खुशी दुबे को गिरफ्तार किया गया था, उस समय उसकी उम्र 18 साल पूरी नहीं हुई थी। गिरफ्तारी से हफ्ता भर पहले ही उसकी शादी हुई थी।
पुलिस का कहना है कि बीते साल 3 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस पर हुए हमले में खुशी दुबे भी शामिल थी। इस हमले में 8 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी।
खुशी का कहना है कि इस हमले से उसका कोई लेना-देना नहीं है। निचली अदालत ने भी खुशी की बेल याचिका को खारिज कर दिया था।
हाई कोर्ट को खुशी ने बताया था कि 1 सितंबर, 2020 को एक बोर्ड ने उसे नाबालिग घोषित किया था।
उसने कोर्ट में यह भी कहा कि वह विकास दुबे के गैंग की सदस्य नहीं थी। हालांकि, घटना वाले दिन वह अपने पति अमर दुबे के साथ विकास दुबे के घर गई थी।
हाई कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने बेल अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी थी कि हमले में बाल-बाल बचे पुलिसकर्मियों के बयान के आधार पर यह कहा जा सकता है कि खुशी दुबे भी इसमें शामिल थी।