पोस्टपेड से प्रीपेड सिम के लिए अब KYC जरूरी नहीं

लंबे समय से एजीआर बकाया के संकट से जूझ रही टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए सरकार ने एकसाथ कई अहम ऐलान किए हैं। टेलीकॉम ऑपरेटर को एजीआर चुकाने पर राहत दी गई है तो वहीं 100 फीसदी एफडीआई को भी मंजूरी मिली है।

इसके अलावा ग्राहकों को केवाईसी पर भी राहत देने का ऐलान किया गया है। आइए सिलसिलेवार समझते हैं कि केंद्र सरकार की कैबिनेट ने टेलीकॉम इंडस्ट्री और ग्राहकों के हित में कौन से बड़े फैसले लिए हैं।

लंबे समय से टेलीकॉम सेक्टर को एडजस्ट ग्रॉस रेवेन्यू यानी एजीआर पर किसी बड़े फैसले का इंतजार था। सरकार ने कहा है कि एजीआर बकाये के परिभाषा में बदलाव किया जाएगा।

 टेलीकॉम कंपनियां भी इसकी मांग कर रही थीं। वहीं, टेलीकॉम कंपनियों को मंथली इंटरेस्ट रेट को अब एनुअल कर दिया गया है। इसके अलावा पेनल्टी पर भी राहत दी गई है। 

यही नहीं, टेलीकॉम ऑपरेटर्स बकाये को लेकर मोरेटोरियम ले सकेंगे। ये 4 साल तक के लिए दिया गया है। जो टेलीकॉम ऑपरेटर ये विकल्प चुनते हैं उन्हें सरकार को ब्याज भी देना होगा।

आपको बता दें कि एजीआर की वजह से वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल पर भारी वित्तीय बोझ है। इस वजह से कंपनियां काफी संघर्ष कर रही थीं। इसके खिलाफा कंपनियों ने कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था।

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