नई शिक्षा नीति से भारत के शैक्षिक क्षेत्र में क्रांतिकारी आएगी: प्रधान

नईदिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में 17 संकाय सदस्यों को एआईसीटीई-विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जबकि 3 संकाय सदस्यों को प्रबंधन शिक्षा में एआईसीटीई-डॉ. प्रीतम सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया गया।

उन्होंने विजेताओं को छात्र विश्वकर्मा अवॉर्ड क्लीन एंड स्मार्ट कैंपस अवॉर्ड 2020 से भी सम्मानित किया।


इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान सचिव, उच्च शिक्षा अमित खरे; अध्यक्ष, एआईसीटीई, प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धे, उपाध्यक्ष, एआईसीटीई, प्रो. एमपी पूनिया और सदस्य सचिव, एआईसीटीई प्रो. राजीव कुमार ने भी विजेताओं को बधाई दी और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के महत्व को रेखांकित किया।


इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब हम आजादी के 75 साल पूरे कर रहे हैं, तो नागरिकों के पास भारत को आगे ले जाने, उसे आकार देने की इच्छाशक्ति है।

उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारत के शैक्षिक क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन 2047 के तहत, अगले 25 वर्षों के लिए मार्ग प्रशस्त करने की उम्मीद है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा से हम में से प्रत्येक को अधिक जिम्मेदार और वैश्विक नागरिक बनना होगा। केंद्रीय मंत्री ने इन 4 पुरस्कारों को शुरू करने के लिए एआईसीटीई को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रयासों को मान्यता देने के अलावा इन पुरस्कारों ने नवाचार की चिंगारी भी पैदा की है।


प्रधान ने कहा कि एआईसीटीई विश्वेश्वरैया पुरस्कारों का उद्देश्य मेधावी संकायों को सम्मानित करना और उन्हें वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा की लगातार बदलती जरूरतों के लिए खुद को अपडेट रखने के लिए प्रोत्साहित करना है और इस तरह ज्ञान समाज के लिए प्रभावी रूप से योगदान करना है।

उन्होंने कहा कि डॉ. प्रीतम सिंह सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार इसी साल शुरू किया गया और इसे प्रबंधन शिक्षा में शिक्षण उत्कृष्टता व संस्थागत नेतृत्व के लिए संकाय सदस्यों को प्रदान किया जाता है।


प्रधान ने इस बात को रेखांकित किया कि छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार सामाजिक चुनौतियों को समझने के लिए हमारे छात्रों को एक मंच प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य नया और कम लागत वाला समाधान उपलब्ध कराना है।

इस साल फिर से, परिषद ने छात्र विश्वकर्मा पुरस्कार 2020 को च्भारत की आर्थिक रिकवरी पोस्ट कोविड : रिवर्स माइग्रेशन और पुनर्वास योजना को आत्मनिर्भर भारत में सहयोगज् थीम पर घोषित किया।

मंत्री ने बताया कि विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के लिए बहुत उपयोगी और रचनात्मक समाधान विकसित करने वाली छात्रों की 24 टीमों को सम्मानित किया गया है।

उन्होंने कहा कि इन छात्रों का जोश, उत्साह, नवीनता और कड़ी मेहनत निकट भविष्य में भारत को नवीन विचारों को उत्पन्न करने का केंद्र बिंदु बनाएगी।

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