भ्रष्टाचारियों को ‘सीएम-पीएम का भी डर नहीं

बिहार में सरकारी अफसरों के घरों पर छापों में बेहिसाब धन-दौलत निकल रही है. लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार सरेआम हो चुका है और सीएम-पीएम तक का डर नहीं है.

क्राइम, करप्शन व कम्युनलिज्म से किसी भी सूरत में समझौता नहीं करने का ऐलान करने वाले जदयू-बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार में भ्रष्टाचार पर लगाम लगती नहीं दिख रही है.

एक मामले की चर्चा थमती नहीं है कि दूसरा भ्रष्टाचारी सामने आ जाता है. इंडियन करप्शन सर्वे-2019 की रिपोर्ट में बिहार का स्थान दूसरा था.

यहां 75 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया था कि उन्हें अपना काम करवाने के लिए रिश्वत देनी पड़ी थी. इनमें भी 50 फीसद लोगों ने तो यहां तक कहा कि उन्हें काम करवाने के एवज में अधिकारियों को कई बार रिश्वत देनी पड़ी.

तस्वीरेंः रिश्वेत लेने-देने में एशिया अव्वल पुल निर्माण निगम लिमिटेड के एक इंजीनियर रवींद्र कुमार के ठिकानों से एक करोड़ 43 लाख की नकदी व अन्य संपत्तियों की बरामदगी की चर्चा अभी चल ही रही थी कि दरभंगा में तैनात ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर से 67 लाख रुपये नकद बरामद किए गए.

विजिलेंस की कार्रवाई की जद में आए रवींद्र कुमार बिहार के एक पूर्व मंत्री के रिश्ते में दामाद लगते हैं. बताया जाता है कि नकदी के संबंध में पूछताछ के दौरान अभियंता ने कहा, ‘‘वर्तमान में जो माहौल है, उसमें मजबूरन रुपये लेने पड़ते हैं.

प्रखंड स्तर पर तैनात इंजीनियर से लेकर पटना तक कौन है जो रुपया नहीं ले रहा. और जो रुपया नहीं ले रहा, क्या वह चैन से नौकरी कर पा रहा है.

मुंह अगर खोल दिया तो पटना तक विस्फोट हो जाएगा.” इसके पहले मुजफ्फरपुर के जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) रजनीश लाल के यहां से नकदी व आभूषणों की बरामदगी काफी चर्चा में रही थी. विजिलेंस ने लाल के यहां बीते 23-24 जून को छापेमारी की थी.

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