साप्ताहिक बाजार में अवैध वसूली चरम पर

आखिर किसके इशारे पर होती है वसूली और कहां जाता है इसका पैसा,
कृष्णा नगर पुलिस के दोहरे मापदंड, गरीबों पर सितम अमीरों पर करम

लखनऊ,संवाददाता। थाना कृष्णा नगर के अंतर्गत स्थित एलडीए पुलिस चैकी, फीनिक्स मॉल चैराहे पर बरसों से लगती आ रही सप्ताहिक बाजार के ठेले वालों को उजाड कर चैकी प्रभारी भले ही कानून व्यवस्था के नाम पर अपना दामन झाड़ लें, लेकिन सत्यता इस से कोसों दूर है।

दुकानें भले ही कानून की आड़ में उजाडी गई हों। लेकिन सवाल यह कि आखिर इतनी बड़ी तादाद में लग किस के आदेश पर रहीं थीं। क्योंकि सभी बाजार में मात्र 1500 दुकानों की अनुमति होने के बा वजूद 4,से 5, हजार दुकाने लगती है।

जिस से बाजार समिति संगठन जमकर अवैध वसूली करता है। इसी के चलते पूरा चैकी लाइन हाजिर हो चुका है। एवं वसूली करने वाले सात व्यक्ति जेल जा चुके हैं।

मालूम हो कि राजधानी लखनऊ में साप्ताहिक लगने वाले 5, बाजारों में एक बाजार आलमबाग में मंगलवार को लगता है। जिसको लेकर फीनिक्स मॉल चैराहे पर बनी चैकी विवादों के घेरे में रहती है।

सप्ताहिक बाजार की वसूली में जिसको जहां से मिलता है। वहां से वसूली कर अपनी जेबें भरना शुरु कर देता है। चाहे बाजार समिति हो या पुलिस विभाग, दोनों ही अपनी छवि को बहुत ही साफ सुथरा बना कर पेश करते है।

इन दोनों की वसूली के चक्कर में गरीब ठिलया वाला चढ़ जाता है भर्ष्टाचार की भेंट, सप्ताहिक बाजार की बात करें तो नगर निगम द्वारा लगभग 1500 दुकान लगाने की ही अनुमति है।

लेकिन सप्ताहिक बाजार में 4000 से ऊपर दुकानें लगती हैं। बाजार समिति के पदाधिकारियों की माफिया गीरी की बात करें तो दुकान पर तो उनका कब्जा है। लेकिन डिवाइडर पर भी करते हैं नाजायज वसूली।

बाजार समिति के पदाधिकारी लगभग दस-दस दुकानों पर कब्जा जमाए हुए हैं। नगर निगम द्वारा जिन दुकानें को अनुमति दी गई है। वह लोग ठेला लगाने पर मजबूर हैं।

अगर पुलिस विभाग एवं नगर निगम कानून के दायरे में अधिकारिक तौर पर बाजार लगवाये तो बाजार से जहाँ अवैध वसूली भी रुके गी वहीं जो नगर निगम से स्वीकृत दुकानें हैं।

वही लगने के बाद बड़े स्तर पर जाम से भी निजात मिलेगी। यही नहीं बाजार समिति की भी जांच होनी चाहिए। जिस से सच्चाई सामने आसके क्योंकि बाजार समिति सप्ताहिक लगने वाली बुधवार को निशातगंज बाजार मासिक वसूली करता है।

जो किसी से छुपा नहीं, लाखों रुपए की वसूली समिति करती है। जो सारा सर अवैध है आखिर यह किसके इशारे पर होती है। और इसका पैसा कहां जाता है एवं बाजार समिति को किस का समर्थन प्राप्त है। किस कानून के तहत एक गरीब बाजार लगाने वालों से वसूली करते हैं।

संगठन चलाने के लिए तो हजारों रुपए काफी हैं। लेकिन लाखों की वसूली क्यों इसकी भी जांच होनी चाहिए। दिनांक 25,03,2021 को कृष्णा नगर थाने ने सात अभियुक्तों को वसूली करते गिरफ्तार कर जेल भेजा था इसके बाद चैकी इंचार्ज समेत सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था।

उसके बावजूद बाजार समिति अध्यक्ष नदीम के द्वारा बे खौफ अभी भी वसूली जारी है। आखिर बाजार समिति संगठन को किस का संरक्षण प्राप्त है।

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