टोक्यो पैरालंपिक कल से

टोक्यो ओलंपिक भारत के लिए यादगार रहा और ओलंपिक खेलों में अपना बेस्ट प्रदर्शन करते हुए भारतीय एथलीटों ने कुल सात मेडल जीते।

अब 24 अगस्त (मंगलवार) से टोक्यो पैरालंपिक खेलों का आगाज होना है। इन खेलों की शुरुआत 1968 से हुई थी तब से लेकर भारत ने इनमें 12 मेडल जीते हैं जिसमें चार गोल्ड, चार सिल्वर और इतने की ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।

चलिए एक नजर डालते हैं कि पैरालंपिक खेलों में भारत ने कब-कब मेडल जीते हैं।

मुरलीकांत पेटकर (गोल्ड मेडल): पेटकर ने मेंस की 50 मीटर फ्रीस्टाइल स्विमिंग इवेंट में 37.33 सेकंड का समय लेकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के साथ गोल्ड जीता था। यह भारत का पैरालंपिक खेलों में पहला मेडल था। पेटकर सेना में मुक्केबाज थे लेकिन 1965 के भारत-पाक युद्ध में अपना हाथ गंवाने के बाद वह स्विमिंग में चले गए थे। वह पैरालंपिक और ओलंपिक में भारत के पहले इंडिविजुअल इवेंट में गोल्ड मेडलिस्ट हैं।

न्यूयॉर्क (अमेरिका) और स्टॉक मैंडविल (ब्रिटेन), पैरालंपिक 1984

जोगिंदर सिंह बेदी (एक सिल्वर, दो ब्रॉन्ज मेडल): बेदी ने गोला फेंक इवेंट में सिल्वर, जबकि चक्का और भाला फेंक स्पर्धाओं में ब्रॉन्ज मेडल जीते। वह पैरालंपिक खेलों में सबसे अधिक मेडल जीतने वाले भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हैं।

भीमराव केसरकर (सिल्वर मेडल): केसरकर ने 1984 पैरालिंपिक में पुरुषों के भाला फेंक इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था। हमवतन जोगिंदर सिंह बेदी ने इस इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

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