जिलों में तैनात होंगे अधिकारी

किराएदार और मकान मालिक के बीच चलने वाले विवाद को खत्म करने के लिए हाल में बनाए गए कानून को अमली जामा पहनाने की तैयारी शुरू हो गई है। गोरखपुर में जल्द ही एडीएम स्तर का रेंट कंट्रोल अफसर (आरसीओ) की तैनाती होने जा रही है।

एग्रीमेंट के मुताबिक किराएदार को तय समय पर मकान मालिक के कहने पर प्रापर्टी को खाली करना होगा और मकान मालिक को प्रापर्टी को खाली कराने से पहले नोटिस देना होगा।

प्रदेश में नगरीय परिसर किरायेदारी विनयमन (द्वितीय) अध्यादेश-2021 लागू होने के बाद गोरखपुर में इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है। इस कानून में किराएदार और मकान मालिक का दायित्व तय किया गया है।

आरसीओ की तैनाती के बाद सभी तरह के किराएदारी के विवाद इसी कार्यालय द्वारा सुलझाए जाएंगे। इस कानून की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। अकेले गोरखपुर में ही इस तरह के 2000 से ज्यादा मामले में कोर्ट में चल रहे हैं।

इस तरह के विवाद कभी-कभी मारपीट और यहां तक तक की खून-खराबे तक आ जाती है। जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि इस व्यवस्था से किराएदारी के विवाद आसानी से सुलझ जाएंगे और भविष्य में विवाद होने की आशंका भी कम हो जाएगी। इसके जल्द ही नोडल अफसर नामित हो जाएंगे।

आरसीओ द्वारा किराएदारी विवाद संबंधी मामलों का निस्तारण 60 दिनों में किया जाएगा। इस कानून से न तो किराएदार मकान पर जबरिया कब्जा कर सकेंगे और न ही मकान मालिक एग्रीमेंट के खिलाफ मनमाने तरीके से किराएदार को अचानक से निकाल सकेंगे।

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