चंदनपुरा की भूमि संरक्षित वन घोषित

भोपाल। राज्य शासन ने राजधानी से सटे बाघ भ्रमण क्षेत्र चंदनपुरा की 238.141 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसमें छावनी गांव की 79.117 हेक्टेयर भूमि भी शामिल है।

शासन ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। यह राजस्व भूमि थी, जिसमें छोटे-बड़े झाड़ का जंगल है। फिर भी यहां रसूखदारों के प्लाट हैं। जिन पर होटल-रिजॉर्ट सहित अन्य व्यावसायिक ढांचे खड़े होने थे।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने फरवरी 2020 को इस क्षेत्र को संरक्षित घोषित करने के निर्देश दिए थे। अब इस भूमि पर होटल-रिजॉर्ट एवं अन्य व्यावसायिक केंद्र नहीं खोले जा सकेंगे। बल्कि पौधारोपण कर इसे जंगल बनाया जाएगा।

जनजाति संग्रहालय एवं पुरातत्व संग्रहालय की बदले वन विभाग को चंदनपुरा में दी गई 357.780 हेक्टेयर राजस्व भूमि और उससे सटे क्षेत्र में रसूखदारों ने जमीन खरीद ली हैं।

इनमें नेता, बड़े अधिकारी, बिल्डर और उद्योगपति शामिल हैं, जो बंगले बनाने के साथ विभिन्न् व्यावसायिक केंद्र भी खोलना चाहते हैं।

जबकि इस क्षेत्र में एक दर्जन से ज्यादा बाघ सक्रिय हैं। इसे लेकर भोपाल के नूर मोहम्मद ने एनजीटी में याचिका लगाई थी। उन्होंने इस क्षेत्र को बाघों के लिए संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग की थी।

मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने छह फरवरी 2020 को इस भूमि को संरक्षित वन घोषित करने के निर्देश दिए थे। एनजीटी ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करने को कहा था, जिसे क्षेत्र का दौरा कर वास्तुस्थिति बताना थी।

समिति का गठन न होने पर एनजीटी ने दोबारा भी निर्देश जारी किए थे। इस बीच केंद्रीय वन मंत्रालय के अधिकारियों के एक दल ने क्षेत्र का दौरा किया और इसे संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने के पक्ष में लिखा।

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