अरुण यादव ने दिल्ली में कमल नाथ से की मुलाकात
भोपाल । खंडवा लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ने के प्रबल दावेदार पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने गुरुवार को दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि यादव पिछले दिनों भोपाल में आयोजित उपचुनाव की तैयारी बैठक में शामिल नहीं हुए थे। यादव ने राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा से भी मुलाकात की।
Madhya Pradesh Congress: पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने दिल्ली में कमल नाथ से की मुलाकात
Madhya Pradesh Congress: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा से भी मिले ।Publish Date: | Fri, 06 Aug 2021 04:28 PM (IST)
Madhya Pradesh Congress: भोपाल। नवदुनिया स्टेट ब्यूरो। खंडवा लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ने के प्रबल दावेदार पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने गुरुवार को दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से मुलाकात की।
उनकी इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि यादव पिछले दिनों भोपाल में आयोजित उपचुनाव की तैयारी बैठक में शामिल नहीं हुए थे। यादव ने राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा से भी मुलाकात की।Ads by Jagran.TV
प्रदेश में होने वाले उपचुनाव की तैयारियों को लेकर पिछले दिनों भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के आवास पर बैठक हुई थी। इसके एक दिन पहले बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कमल नाथ से मिलकर पत्नी के लिए खंडवा लोकसभा उपचुनाव की टिकट देने की मांग की थी।
उन्होंने दावा किया था कि कोई भी सर्वे करा लें, कार्यकर्ता उनके पक्ष में हैं और इस चुनाव का असर वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में नजर आएगा।
माना जा रहा है कि सुरेंद्र सिंह को तवज्जो मिलने के कारण ही यादव ने उपचुनाव की तैयारी संबंधी बैठक से दूरी बना ली थी। जबकि, इसमें प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। उनके छोटे भाई और पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव भी बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जबकि वे चुनाव क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय है।
इसे उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ भाजपा नेताओं ने भी इस नाराजगी में संभावनाएं तलाशने यादव से संपर्क भी साधा था। हालांकि, उन्होंने इसका यह कहते हुए खंडन किया था कि उनके नाम के साथ सिंधिया नहीं जुड़ा है।
उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समर्थक 22 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी। इसकी वजह से कमल नाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी और उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी थी।