बाबुओं पर भी गिरेगी गाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपनी कैबिनेट में विस्तार के साथ-साथ बड़ा फेरबदल किया है। कई मंत्रियों को उनके काम के आधार पर कैबिनेट से छुट्टी कर दी गई। कुछ के विभाग बदल दिए गए। मंत्रियों के बाद आब सरकारी बाबुओं की बारी है।

केंद्र सरकार ने प्रदर्शन को मानदंड बनाते हुए केंद्रीय सचिवालय सेवाओं और 50 वर्ष से अधिक आयु के अपने अवर सचिव स्तर के अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा शुरू कर दी है।

पिछले सप्ताह कार्मिक मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए समीक्षा के आधार पर अंडर-परफॉर्मिंग अवर सचिवों को एक कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से हटाया जा सकता है। आपको बता दें कि सरकार ने मौलिक नियम (एफआर) 560 1(एल) और सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 48 के तहत अवर सचिव स्तर के अधिकारियों की समीक्षा का आदेश दिया है।

आपको बता दें कि पिछली बार इसी तरह की समीक्षा के बाद, कई अधिकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया गया था। वे “अंडर-परफॉर्मर” पाए गए थे। निर्धारित मानदंडों के अनुसार, अधिक संख्या में छुट्टी लेने वाले अधिकारी, ईमानदारी/संदिग्ध संपत्ति, लेनदेन/भ्रष्टाचार या खराब चिकित्सा स्वास्थ्य रिकॉर्ड पर संदेह के घेरे में आने वाले अधिकारियों की छुट्टी की जा सकती है।

समीक्षा को नियंत्रित करने वाले नियम स्पष्ट रूप से यह निर्धारित करते हैं कि सरकारी कर्मचारी जिनकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध है या जो अप्रभावी पाए गए हैं, उन्हें सेवानिवृत्त किया जाएगा। आपको बता दें कि समीक्षा के लिए बुनियादी निर्देश अगस्त 2020 में जारी किए गए थे।

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