जंतर-मंतर पहुंचा किसानों का जत्था

नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर महीनों से डटे किसान अपने प्रदर्शन को और धार दे रहे हैं। तय कार्यक्रम के तहत पूरे मानसून सत्र (22 जुलाई-9 अगस्त) में किसान जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ करेंगे।

संयुक्‍त किसान मोर्चा के नेतृत्‍व में किसानों का एक जत्‍था जंतर-मंतर पहुंच चुका है। इस किसान संसद लगेगी जिसमें भारतीय किसान यून‍ियन के नेता राकेश टिकैत भी शामिल होने जंतर-मंतर पहुंचे हैं।

किसान के इस प्रदर्शन को देखते हुए दिल्‍ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। दिल्ली के के बॉर्डर से लेकर जंतर-मंतर तक सुरक्षा बलों की करीब 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनाती की गई हैं।

– किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश गवाह है कि ये कृषि कानून बेहद जरूरी और किसानों के हित में हैं। हमने इन कानूनों पर विस्तृत चर्चाएं की हैं। अगर किसान इन कानूनों को लेकर अपनी समस्या बिंदुवार रखते हैं तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं।

– जंतर मंतर पर सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम किए है। पैरा-मिलिट्री फोर्स के साथ दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। कई लेयर बेरिकेडिंग की गई है. जंतर मंतर आने के सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। पूरा जंतर मंतर छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इसके अलावा संसद के आस पास के सभी रास्तों पर जवानों की तैनाती की गई है।

– किसानों के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है। राहुल कुछ कांग्रेस सांसदों के साथ संसद परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

– किसानों के साथ अब शिरोमणी अकाली दल भी कृषि कानूनों के विरोध में सामने आ गया है। आज सुबह संसद भवन के बाहर शिरोमणी अकाली दल के नेताओं ने कृषि मंत्री को कानूनों को विरोध में बनाए गए पोस्टर दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया।

– किसान नेता राकेश टिकैत से जब यह पूछा गया कि गणतंत्र दिवस हिंसा जैसी परिस्थिति से निपटने के लिए उनकी क्या तैयारियां हैं, तो उन्होंने कहा कि संसद जंतर-मंतर से केवल 150 मीटर दूर है। हम वहीं किसान संसद का आयोजन करेंगे। हम गुंडे हैं क्या? हमें गुंडागर्दी से क्या मतलब?

– सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेता प्रेम सिंह भंगु ने कहा कि हमारा अगला पड़ाव भाजपा का गढ़ उत्तर प्रदेश होगा। यूपी के लिए हमारा मिशन पांच सितंबर से शुरू होगा। हम भाजपा को बिल्कुल अलग-थलग कर देंगे। कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। हम बातचीत के लिए तैयार हैं।

– बाहरी जिले के डीसीपी परविंदर सिंह ने बताया कि हमने टीकरी बॉर्डर पर सख्त इंतजाम किए हैं ताकि कोई भी अराजक तत्व प्रवेश न कर पाए। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे इंतजाम किए गए हैं क्योंकि किसानों को अबतक प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है।

– किसान नेता राकेश टिकैत सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हो चुके हैं। उनके साथ 8 प्रदर्शनकारी किसान और हैं। रवानगी से पहले टिकैत ने कहा कि हम जंतर मंतर पर किसान संसद लगाएंगे। हम संसद की कार्यवाही भी देखेंगे।

– किसान नेता राकेश टिकैट ने कहा कि सरकार ज्यादा सख्त है। जनता को इतनी ताकत भी किसी को नहीं देनी चाहिए। एक कहावत है गांव में जो झोटा होता हैं ना भैंसा… जब ज्यादा ताकत आ जा तो जिस खोर में खाना खा उसे ही ढा दे सबसे पहले। तो सरकार की जिसने वोट दिया, वह सबसे पहले उसे ही ढहा रही है।

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