माल्या, नीरव मोदी, मेहुल की 13.100 करोड़ की संपत्तियां बेची

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज यानी शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी है कि देश के सबसे बड़े ऋणदाता, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में एक संघ ने भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के शेयरों की बिक्री से 792.11 करोड़ रुपये की वसूली की है।

केंद्रीय एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत इन संपत्तियों को जब्त कर लिया है। ईडी ने इस रकम को बैंकों के कंसोर्टियम को सौंप दिया। इसके साथ, एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, माल्या, मोदी और चोकसी की संपत्ति की बिक्री से अब कुल वसूली ₹13,109.17 करोड़ हो चुकी है।

बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक माल्या पर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। इसके अलावा हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी, जो पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी है, पर ₹13,000 करोड़ का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

इसके अलावा, पीएनबी बनाम नीरव मोदी मामले में भगोड़ा आर्थिक अपराध न्यायालय द्वारा बैंकों को ₹1,060 करोड़ की संपत्ति की अनुमति दी गई है और ईडी द्वारा भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम के प्रावधानों के तहत ₹329.67 करोड़ जब्त किए गए हैं।

1 जुलाई, 2021 को, पूर्वी मोदी, जो नीरव मोदी की बहन हैं, ने अपने विदेशी बैंक खाते से ईडी को अपराध की आय से ₹17.25 करोड़ हस्तांतरित किए हैं। माल्या के प्रत्यर्पण को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मंजूरी दे दी है और ब्रिटेन में उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि की गई है। माल्या को ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति नहीं दी गई है।

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया है, जबकि चोकसी एंटीगुआ में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रहा है। वह 23 मई को एंटीगुआ से लापता हो गया था और बाद में डोमिनिका में मिला था।

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