कोवैक्सीन की खरीद पर बवाल के बीच भारत बायोटेक का आया बयान

भारत की बनाई कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन की खरीद को लेकर ब्राजील में मचे बवाल के बीच टीका बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने सफाई दी है। कंपनी ने बुधवार को जारी बयान में कहा है कि ब्राजील के साथ करार के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया का पालन किया गया है, जिसमें 8 महीने का समय लगा है।

कंपनी के मुताबिक, कोवैक्सीन को ब्राजील में 24 जून 2021 को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है और 29 जून तक कंपनी को न तो कोई एडवांस भुगतान किया गया है और न ही कंपनी की ओर से वैक्सीन की सप्लाई की गई है।

बता दें कि इससे पहले ब्राजील ने कंपनी से 2 करोड़ टीकों को लेकर हुए करार को रद्द करने की घोषणा की थी। यह करार 32.4 करोड़ डॉलर यानी 2409 करोड़ रुपये का था। हालांकि, करार में अनियमितताएं बरतने के आरोप लगने के बाद ब्राजील सरकार ने इसे रद्द करने का फैसला किया।

कंपनी ने कहा है कि भारत से बाहर कोवैक्सीन की कीमत 15 से 20 डॉलर प्रति डोज है। ब्राजील को भी प्रति डोज 15 डॉलर का भुगतान करना था। कोवैक्सीन को ब्राजील, भारत, फिलिपींस, ईरान, मेक्सिको आदि सहित कुल 16 देशों में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा 50 देशों में इसको मंजूरी मिलने की प्रक्रिया चल रही है।

ब्राजील की जायर बोलसोनारो सरकार पर ऊंची कीमत पर कोवैक्सीन खरीद के आरोप लग रहे हैं। इसको लेकर खुद बोलसोनारो भी आरोपों के घेरे में है। ब्राजील के एक सीनेटर ने जायर बोल्सोनारो के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया है।

इस मामले में उन पर वैक्सीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की गई है। इसके बाद ब्राजील सरकार ने डील को रद्द करने का फैसला किया है।

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