ब्लैकमेलिंग के शिकार युवा ठेकेदार विनोद ने की आत्महत्या

बाँदा। बाँदा शहर के सिविल लाइन, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी निवासी युवक पड़ोस की माँ-बेटी से परेशान था। मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा मुझे दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने व अन्य धमकी दी जाती थी।

सुसाइड नोट में पीड़ित ने लिखा ब्लैकमेल करने वाली माँ-बेटी मुझसे 10 लाख रुपए और मकान अपने नाम करने का दबाव बनाती हैं। मैं अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूँ,ब्लैकमेलर महिला पीडब्ल्यूडी में नौकरी करती हैं।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके आरोपियों को हिरासत में लिया है और फोन व अन्य माध्यमों की डिटेल से जांच की जा रही हैं।
युवक शहर कोतवाली निवासी विनोद पुत्र वंशगोपाल ( पिता पीडब्ल्यूडी में कर्मी) ने केन नदी के पुल से छलांग लगाकर आत्महत्या की हैं।

फर्जी दुष्कर्म के जाल में फांसने की धमकी देकर उक्त माँ-बेटी मृतक युवक को प्रताड़ित कर रही थी।देशभर में सुनियोजित दुराचार के बढ़ते मामलों में बाँदा का यह केस भी नजीर हैं।

बाँदा। शहर और गांव में फर्जी तरीके से तथाकथित ठग महिलाओं का गैंग किस तरह युवाओं को अपना शिकार बनाता हैं यह प्रकरण उसकी बानगी हैं। बाँदा के सिविल लाइन, पीडब्ल्यूडी आवास कॉलोनी रहवासी युवा विनोद पुत्र वंशगोपाल ने बीते रविवार आत्महत्या कर ली है।

मृतक ने सुसाइड नोट के जरिये अपनी बात लिखते हुए बताया कि पड़ोसी माँ-बेटी मुझे दुष्कर्म के आरोप में फंसाने की धमकियां देती है। इसके बदले में उन्हें 10 लाख रुपया व मेरा मकान चाहिए हैं। मैं अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूँ।

गौरतलब हैं मृतक युवक ने शहर से बाहर केन नदी के पुल से छलांग लगाकर मौत को गले लगाया। मृतक पानी की जगह पत्थरों में गिरा जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। अस्पताल में फौरी तौर पर लाया गया जहां डॉक्टरों ने विनोद को मृत घोषित कर दिया।

बतलाते चले कि सोशल मीडिया के फेसबुक मैसेंजर वीडियो कॉल के जरिये भी इन दिनों युवतियों के सक्रिय गिरोह हैं। यह अनाम युवकों को मैसेंजर वीडियो काल से अश्लीलता के वीडियो में जोड़कर उनसे मुंह मांगी रकम वसूलता हैं।

रकम नहीं देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी देता हैं। बीते दिन महोबा व आसपास ऐसी घटनाओं से लोग रूबरू हुए है। वहीं गांव से शहरों तक पेशेवरों की कमी नहीं हैं जो युवाओं को फर्जी हरिजन एक्ट व दुराचार में फंसाने के धंधा कर रही हैं।

इस खेल में पूरा नेक्सेस काम करता हैं। युवती से अधेड़ उम्र तक यह घिनौना खेल चरित्र मर्दन करने को चलता है। अवसादग्रस्त युवक इसके चलते आत्महत्या या हत्या जैसे अपराध करने को मजबूर होते है।

विनोद का पूरा परिवार आज सदमे में है। घर का कमाऊ बेटा यूँ आत्महत्या करेगा किसने सोचा था ? उधर वाजिब दुराचार से पीड़ित युवती प्रशासन की लापरवाही के चलते दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होती है।

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