बेरोजगार ई-श्रेणी में कर सकेंगे 25 लाख के कार्य

देहरादून। कोरोना काल में काम-धंधा छोड़कर अन्य प्रदेशों से लौटे प्रवासियों और बेरोजगार स्थानीय युवाओं को ठेकेदारी के तौर पर रोजगार मुहैया कराया जाएगा। उन्हें ठेकेदारी की नई ई-श्रेणी बनाकर 25 लाख तक कार्य दिए जाएंगे। इस श्रेणी के लिए ठेकेदार के रूप में अनुभव को वरीयता नहीं दी जाएगी।

ई-टेंडरिंग के बगैर 50 लाख तक कार्य कराए जा सकेंगे। साथ में बड़े निर्माण कार्यों को टुकड़ों में बांटने का रास्ता भी खोला जाएगा। उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली में इस संबंध में संशोधन की संस्तुति मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने की है।

कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक विधान भवन में सोमवार को हुई। बैठक में उपसमिति के सदस्य के तौर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व बिशन सिंह चुफाल तथा मुख्य सचिव ओमप्रकाश मौजूद रहे।

विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों ने भी इसमें शिरकत की। दरअसल मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बीती 29 मई को हुई बैठक में विभागाध्यक्षों को भी अगली बैठक में बुलाने के निर्देश दिए गए थे। उन्हें सरकारी निर्माण कार्यों में अधिप्राप्ति नियमावली में संशोधन के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया था।

दरअसल कोरोना महामारी में रोजगार पर संकट बढ़ा है। कोरोना की दूसरी लहर के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी लौटे हैं तो अन्य काम-धंधे बंद होने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कम हो गए।

बैठक के बाद उपसमिति के अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने बताया कि कोरोना संकट की वजह से सरकारी कार्यों के लिए ठेकेदारी की मौजूदा व्यवस्था में शिथिलता देने पर विचार किया जा रहा है। यह शिथिलता सिर्फ चालू वित्तीय वर्ष यानी 31 मार्च, 2022 तक ही देने की संस्तुति उपसमिति ने की है।

उन्होंने बताया कि उपसमिति ने अपनी संस्तुतियों को अंतिम रूप दे दिया है। प्रवासियों व युवाओं को काम के लिए ठेकेदारी के कार्य के लिए नई श्रेणी-ई बनाने की संस्तुति की गई है। बी-श्रेणी के कार्यों की सीमा 25 लाख से 75 लाख, सी-श्रेणी के कार्यों की सीमा एक करोड़ से बढ़ाकर 1.50 करोड़ करने की संस्तुति की गई है।

इसीतरह बी-क्लास ठेकेदारों के लिए दो करोड़ की सीमा को बढ़ाकर तीन करोड़, ए-श्रेणी के ठेकेदारों के लिए तीन करोड़ से ज्यादा के काम की सिफारिश की गई है। बकौल डा रावत इस व्यवस्था के लागू होने से पेयजल, सड़कों, स्कूल भवनों के निर्माण और विद्युतीकरण के कार्यों में तेजी आएगी। साथ ही विकास में जन सामान्य की भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी। इन संस्तुतियों पर अंतिम फैसला मंत्रिमंडल लेगी।

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