यूपी की तीन सबसे प्रदूषित नदियों में गोमती भी शामिल
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की 15 बड़ी नदियों में तीन नदियां बेहद प्रदूषित हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन्हें ‘सी’ श्रेणी में रखा है। इसमें अपनी गोमती भी है। दो अन्य नदियों में हिण्डन और काली नदी है। इन नदियों में जलीव जीवों का जीवित रहना संभव नहीं है। हिण्डन और काली नदी में तो घुलित आक्सीजन है ही नहीं। जबकि गोमती नदी में अभी 0.9 मिलीग्राम आक्सीजन मौजूद है। चार मिलीग्राम से कम आक्सीजन में जलीय जीवों का जीवित रह पाना मुश्किल है।
हिण्डन नदी सहारनपुर, नोएडा, बागपत और मेरठ से होकर निकलती है। चार स्थानों पर मार्च माह में हुई मानीटरिंग का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने डाटा जारी किया है। चारों ही स्थानों पर आक्सीजन शून्य मिली है। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों का रसायनयुक्त पानी पहुंचने से बायोलॉजिकल आक्सीजन डिमांड भी 46 से 68 मिलीग्राम प्रति लीटर पाई गई है। इसकी मात्रा तीन मिलीग्राम से ज्यादा होना ठीक नहीं है। नोएडा में तो सीवर भी बड़ी मात्रा में पहुंच रहा है। यहां पर फीकल कोलीफार्म 11 लाख एमपीएन प्रति 100 एमएल मिला है। इसकी मात्रा 2500 से ज्यादा होना पानी के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। यही हाल काली नदी का है। कन्नौज में घुलित आक्सीजन 7.8 मिलीग्राम पाई गई लेकिन मुजफ्फरनगर में यह घटकर 2 मिलीग्राम पहुंच गई। यहां से आगे बढते ही मुजफ्फरनगर के डाउन स्ट्रीम में आक्सीजन शून्य हो गई। बुलंदशहर में भी आक्सीजन की मात्रा नहीं पाई गई।