अविराम जीवन

रॉबर्ट फ्रॉस्ट बीसवीं सदी के सर्वाधिक लोकप्रिय सम्मानित कवि थे। काव्य लेखन के लिए फ्रॉस्ट को चार बार पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह रॉबर्ट फ्रॉस्ट का 80वां जन्म दिवस था, जब एक स्वतंत्र पत्रकार रे जोसेफ ने उनका इंटरव्यू लिया।

जोसेफ ने फ्रॉस्ट से पूछा, ‘आपने अपने जीवनकाल में और अपनी सभी यात्राओं में ‘जीवन’ के बारे में कौन-सी सबसे महत्वपूर्ण बात सीखी है?’ फ्रॉस्ट ने बड़ी शांत मुद्रा में उत्तर दिया, ‘जीवन के बारे में मैंने जो कुछ सीखा है, उन्हें तीन शब्दों में बता सकता हूं, ‘लाइफ गोज़ ऑन’ अर्थात‍् जीवन चलता है।

’ फ्रॉस्ट कहते हैं, ‘जीवन तो चलेगा, चाहे आपके अनुसार चले या अपने अनुसार। जीवन आपसे और मुझसे बड़ा है। यह किसी के लिए नहीं रुकता। फिर दुख, चिंता, उदासी कैसी? समाज में जब बहुत भय व्याप्त होता है तो लोग कहते हैं-यह अंत है, यह अंत है। लेकिन जीवन चलता रहता है। यह हमेशा रहा है। यह हमेशा रहेगा। इसे मत भूलना।’

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