राज्य में कोविड संक्रमण तेजी से कम हो रहा: मुख्यमंत्री

एक-एक व्यक्ति का जीवन महत्वपूर्ण, सभी की जीवन रक्षा करने के लिए पूरी गम्भीरता से प्रयास किये जाने चाहिए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य में कोविड संक्रमण तेजी से कम हो रहा है। रिकवरी दर आशानुरूप ढंग से बढ़ रही है, संक्रमण की पाॅजिटिविटी रेट में गिरावट आ रही है। उन्होंने संक्रमण को नियंत्रित करने और उपचार की व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में कोविड संक्रमण के 12,547 नये मामले आये हैं। इसी अवधि में 28,404 संक्रमित व्यक्ति उपचार के पश्चात डिस्चार्ज किये गये। अब तक 14,14,259 व्यक्तियों को कोरोना के सफल उपचार के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। विगत माह 17 अप्रैल को प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या लगभग 1.70 लाख थी। 30 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 03 लाख 10 हजार 783 हो गई थी। संक्रमण की रोकथाम के लिए किये जा रहे सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप एक्टिव केस की संख्या घटकर 1.77 लाख रह गयी है।
मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि विगत दिवस प्रदेश में कुल 02 लाख 56 हजार 755 कोविड-19 के टेस्ट किये गये है। इसमें 01 लाख 12 हजार से अधिक टेस्ट आर0टी0पी0सी0आर0 विधि से सम्पन्न हुए हैं। अब तक 04 करोड़ 44 लाख 27 हजार 447 कोविड-19 की जांच करने के साथ उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना उपचार की व्यवस्था को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के लिए एल-2 और एल-3 बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए। संक्रमित लोगों को कारगर उपचार मिल सके, इसके लिए आवश्यक मैनपावर को भी लगातार बढ़ाने की कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रभावी प्रयास करके प्रतिदिन कोविड-19 के उपचार हेतु बेड और आवश्यक मानव संसाधन की संख्या बढ़ायी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक-एक व्यक्ति का जीवन महत्वपूर्ण है। सभी की जीवन रक्षा करने के लिए पूरी गम्भीरता से प्रयास किये जाने चाहिए। विशेषज्ञों के आकलनों को ध्यान में रखते हुए सभी जिला चिकित्सालयों तथा मेडिकल काॅलेजों में पहले चरण में पीडियाट्रिक्स आई0सी0यू0 (पीकू) की स्थापना की जाए। गोरखपुर तथा बस्ती मण्डल में इंसेफ्लाइटिस की रोकथाम के लिए स्थापित पीकू की तर्ज पर अन्य जिलों में व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने निर्देशित किया कि पीकू की स्थापना के साथ ही, इनका प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने के लिए पीडियाट्रिशियन, टेक्निशियनों तथा पैरा मेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण कराया जाए। पीकू की स्थापना एवं मैनपावर के प्रशिक्षण का कार्य साथ-साथ संचालित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि द्वितीय चरण में प्रत्येक जनपद के 02-02 सी0एच0सी0 में पीकू स्थापित किये जाएं। इन पीकू के संचालन के लिए अलग से पीडियाट्रिशियन, टेक्निशियन एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता हो। इन पीकू के लिए आॅक्सीजन आपूर्ति की डेडिकेटेड व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि सभी जनपदों के महिला चिकित्सालयों का महिलाओं और बच्चों के उपचार के लिए ही उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड संक्रमण से मुक्त हो जाने के बाद भी कई मरीजों को उपचार प्रदान करने की आवश्यकता बनी रहती है। स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे रोगियों के उपचार की निःशुल्क व्यवस्था की जाए। इन अस्पतालों में स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के समुचित प्रबन्ध हों। साथ ही, मरीजों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ब्लैक फंगस के सम्बन्ध में लाइन आॅफ ट्रीटमेण्ट तय करने तथ एडवाइजरी जारी किये जाने के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार के लिए सभी जनपदों में आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि ब्लैक फंगस के लाइन आॅफ ट्रीटमेण्ट के सम्बन्ध में गाइडलाइन्स एवं एडवाइजरी जारी की गयी है। आज सांय 04 बजे हर जनपद और मेडिकल काॅलेज के सम्बन्धित चिकित्सकों का वर्चुअल माध्यम से प्रशिक्षण भी कराया जायेगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में उपलब्ध वेंटिलेटर्स को कार्यशील स्थिति में रखा जाए। इस सम्बन्ध में कोई शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। वेंटिलेटर्स के संचालन के लिए सभी जनपदों में एनेस्थेटिक्स एवं टेक्नीशियन्स की उपलब्धता रहे। सी0एस0आर0 के माध्यम से योगदान के इच्छुक सभी संस्थानों का सहयोग लिया जाए।

दवा की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी करने वालों, निर्धारित शुल्क से अधिक धनराशि लेने वाले निजी अस्पतालों और निजी एम्बुलेंस संचालकों के विरुद्ध स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा तथा गृह विभाग द्वारा मिलकर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय तथा मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा इस कार्यवाही की माॅनिटरिंग की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए विशेष जांच अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके तहत निगरानी समितियों द्वारा स्क्रीनिंग एवं मेडिकल किट वितरण का कार्य किया जा रहा है।

साथ ही, आर0आर0टी0 द्वारा लक्षणयुक्त व संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों का एण्टीजन टेस्ट कर आवश्यकतानुसार उपचार हेतु होम आइसोलेशन/क्वारंटीन सेण्टर/अस्पताल भेजा जा रहा है। इस व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए इनकी माॅनिटरिंग हेतु प्रत्येक जनपद में सचिव अथवा उससे उच्चस्तर के अधिकारी की नोडल अधिकारी के रूप में तैनाती के निर्देश दिए गये थे। छोटे जनपदों को क्लब कर एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए।

नोडल अधिकारियों को उनके द्वारा सम्पादित किये जाने वाले कार्यों की सूची भी दी जाए। हाल ही में कोविड संक्रमण से स्वस्थ हुए अधिकारियों की नोडल अधिकारी के रूप में तैनाती न की जाए। जनपद स्तर पर बेहतर कोआॅर्डिनेशन के लिए इस सूची की एक प्रति सम्बन्धित जिलाधिकारी को भी उपलब्ध करायी जाए। न्याय पंचायत स्तर पर जनपद स्तरीय अधिकारी सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात किये जाएं। जनपद स्तरीय अधिकारी के पास वाहन उपलब्ध न होने पर उसे इस कार्य हेतु वाहन उपलब्ध कराया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी एक सप्ताह में प्रभावी प्रयास करके निगरानी समितियों की प्रत्येक गांव तक पहुंच सुनिश्चित करायी जाए। इसके लिए निगरानी समितियों और आ0आर0टी0 के कार्यों की प्रगति की समीक्षा न्याय पंचायत स्तर पर की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि आर0आर0टी0 द्वारा हर लक्षणयुक्त और संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध व्यक्ति की जांच कर ली जाए।

निगरानी समिति द्वारा प्रत्येक लक्षण युक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिकल किट उपलब्ध करायी जा सके, इसके लिए प्रत्येक जनपद में पर्याप्त संख्या में मेडिकल किट उपलब्ध रहें। सभी अधिकारी पारस्परिक समन्वय से कार्य करते हुए बेहतर परिणाम देने का हर सम्भव प्रयास करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य सुचारु एवं प्रभावी ढंग से निरन्तर संचालित किया जाए। वैक्सीनेशन सेण्टर व्यवस्थित ढंग से संचालित हों, इसके लिए सभी आवश्यक उपाय किये जाएं। वैक्सीनेशन हेतु हर जनपद में पर्याप्त संख्या में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

ग्रामीण क्षेत्रों में काॅमन सर्विस सेण्टर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीनेशन किया जाए। इसके लिए सभी काॅमन सर्विस सेण्टर को क्रियाशील रखा जाए। नगरीय निकायों में दिव्यांगजन, मजदूरों, निराश्रित लोगों का वैक्सीनेशन हेतु रजिस्ट्रेशन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर भी विचार किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में आंशिक कोरोना कफ्र्यू को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ ही, आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। साथ ही, निर्माण गतिविधियों तथा औद्योगिक इकाइयों को निर्बाध ढंग से संचालित किया गया है।

उन्होंने निर्देशित किया कि उद्योगों की सप्लाई चेन सुदृढ़ बनाकर रखी जाए। औद्योगिक इकाइयों को कच्चे माल की निर्बाध आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। औद्योगिक संस्थानों में कोविड हेल्प डेस्क तथा कोविड केयर सेण्टर की व्यवस्था सुदृढ़ रहे। यह कोरोना की चेन तोड़ने के साथ ही इन इकाइयों में कार्यरत कर्मियों का मनोबल बनाये रखने में सहायक है।

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