बच्चों की शरारतों से न हों चिढ़चिढ़े

बच्चों का शरारतें करना आम बात है लेकिन आपको इन शरारतों पर बच्चों को मारना-पीटना नहीं चाहिए। वहीं, अगर बच्चों की बढ़ती शरारतें आपको चिढ़चिढ़ा बना रही है, तो आपको कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए-

बच्चों को डराने-धमकाने की जगह प्यार से समझाने की कोशिश करें। उन्हें बताएं कि उनके शोर मचाने से आपको सिरदर्द होता है या फिर आपकी तबियत खराब होती है। ऐसा करने से बच्चा समझेगा क्योंकि बच्चे अपने मम्मी-पापा से बहुत प्यार करते हैं।

जब भी बच्चों की शरारतें बढ़ जाए और आप अपना नियंत्रण खो दें, तो अपने बचपन को जरूर याद करें कि आप बचपन में कैसे हुआ करते थे और आपके माता-पिता आपकी शरारतों को कैसे झेलते थे।

कोई भी बच्चा जीवनभर तो शरारतें नहीं कर सकता। वक्त के साथ किस प्रकार आपकी भी शरारतें पीछे रह गईं इसलिए बच्चों के इस पल का, शरारतों का आनंद उठाएं।

आपके घर- परिवार के सदस्य आपको कहते हैं कि आप बच्चों के प्रति थोड़ा अधिक सख्त हो रहे हैं, तो इस बात को नजरअंदाज न करें। आप उनकी बातों को गंभीरता से लें और बातचीत करके सुझाव लें।

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