ऐसे कैसे हारेगा कोरोना ? बढ़ते मामलों के साथ घट रही टेस्टिंग
देहरादून । उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही आरटीपीसीआर जांच में बीते दिनों के मुकाबले खासी कमी भी आई है। राज्य में बीते दो हफ्तों में जांच के आंकड़ों की तुलना की जाए तो 62 हजार का अंतर है यानी बाद वाले हफ्ते में इतनी जांचें कम हुईं। सात मई तक दून में रोज 10 हजार से ज्यादा जांच की जा रही थी, जो सोमवार को घटकर 8421 तक सिमट गई। वहीं, हरिद्वार में भी टेस्टिंग काफी घट गई है। यहां पांच मई के मुकाबले कोरोना टेस्टिंग महज एक चौथाई रह गई है। उत्तराखंड में 25 अप्रैल से एक मई के बीच 2.78 लाख कोरोना जांचें हुईं। दो से नौ मई तक 2.15 लाख नमूने जांच को भेजे गए।
जबकि इसी अवधि में राज्य में कोरोना के सर्वाधिक मामले आए। इन दोनों हफ्तों में हर दिन औसतन नौ हजार जांचें कम की गईं। इस दौरान राज्य के बड़े जिलों में आरटीपीसीआर सैंपल लेने में भी कमी आई। खासतौर पर, दून-हरिद्वार में सैंपलिंग कम हो गई। देहरादून में सात मई से पहले तक 10 हजार सैंपलिंग हो रही थी, पर अचानक आंकड़ा कम होने लगा और अब हर दिन करीब साढ़े आठ हजार सैंपल ही लिए जा रहे हैं। इसी तरह हरिद्वार में सात मई को 5665 सैंपल लिए गए। दस मई को यह आंकड़ा भी घटकर 5055 पर आ गया। यहां टेस्टिंग तेजी से कम हुई है। मतलब-सैंपल लेने के बाद टेस्टिंग की गति धीमी पड़ी है। यहां पांच मई को 16,508 सैंपल जांचे गए और इसके बाद तो कोरोना की टेस्टिंग लगातार कम होती चली गई। बीते सोमवार को हरिद्वार जिले में सिर्फ 2,555 कोरोना टेस्ट हुए। बागेश्वर में आठ मई को 1630 लोगों के सैंपल लिए गए। इसके बाद नौ मई को 127 और 10 मई को 479 लोगों की सैंपलिंग हुई। यह हाल तब है, जब यहां कोरोना मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। उधर, पिथौरागढ़ जिले में सात मई को 970 सैंपल लिए गए। पर, इसके बाद यह संख्या घटते हुए 10 मई को 656 पर सिमट गई।
अल्मोड़ा और चम्पावत जिले सैंपलिंग के मामले में निरंतरता बनाए हुए हैं। नौ मई को अल्मोड़ा में सिर्फ 98 सैंपल लिए गए थे, बाकी यहां हर दिन छह सौ से सात सौ सैंपल लिए जा रहे हैं। चम्पावत जिले में पिछले पांच दिन से हर रोज एक हजार से ज्यादा लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। नैनीताल में भी हर दिन सैंपलिंग का औसत दो हजार से ज्यादा है ।