क्रिकेटर बनने की चाहत लिए मुंबई पहुंचे थे मैक मोहन

शोले’ के ‘सांभा’ का नाम लेते ही एक चेहरा जेहन में उभर आता है। फिल्म में इस किरदार को अभिनेता मैक मोहन ने निभाया था। मैक मोहन का जन्म 24 अप्रैल 1938 को कराची (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनका असली नाम मोहन माकीजनी है।

70 और 80 के दशक में मैक मोहन खलनायक बनकर छा गए थे। उन्होंने करीब 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उनके द्वारा निभाया गया ‘शोले’ का किरदार इस कदर मशहूर हुआ कि असल जिंदगी में या तो लोग उनसे डरने थे या फिर नफरत करते थे।

मैक मोहन ने हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक फिल्में कीं लेकिन जब वो कराची से बॉम्बे (मुंबई) पहुंचे तो वो क्रिकेटर बनने का सपना लेकर आए थे। मैक मोहन को क्रिकेट में बचपन से रुचि थी और वो तो क्रिकेटर ही बनना चाहते थे। थियेटर की वजह से उनका रुझान अभिनय के क्षेत्र में बढ़ने लगा। बाद में उन्होंने थियेटर ज्वॉइन कर लिया और मुंबई के फिल्मालय स्कूल ऑफ एक्टिंग से अभिनय सीखी।

मैक मोहन ने अपने करियर की शुरुआत में असिस्टेंट के तौर पर की थी। वो देव आनंद के भाई और निर्देशक चेतन आनंद के साथ काम करने लगे। 1964 में आई फिल्म ‘हकीकत’ से उन्होंने एक अभिनेता के रूप में डेब्यू किया। हिंदी के अलावा मैक मोहन ने भोजपुरी, गुजराती, हरियाणवी, मराठी और पंजाबी फिल्मों में काम किया। वो एक ऐसे अभिनेता थे जो अपने नाम ‘मैक’ से कई फिल्मों में रोल किए।

मैक मोहन ने ‘शागिर्द’, ‘आया सावन झूम के’, ‘सुहाना सफर’, ‘हीरा पन्ना’, ‘जंजीर’, ‘शरीफ बदमाश’, ‘मजबूर’, ‘काला पत्थर’, ‘कर्ज’, ‘कुर्बानी’, ‘शान’, ‘दोस्ताना’ और ‘सत्ते पे सत्ता’ सहित अनेक फिल्में कीं। मैक मोहन की आखिरी फिल्म 2010 में आई ‘अतिथि तुम कब जाओगे’ थी।

निजी जिंदगी की बात करें तो मैक मोहन ने 1986 में शादी की। उनकी दो बेटियां मंजरी माकीजनी, विनती माकीजनी और एक बेटा विक्रांत माकीजनी है। मैक अभिनेत्री रवीना टंडन के मामा लगते थे। उनका निधन साल 2010 में 72 साल की उम्र में लंग कैंसर से हुआ।

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