सुंदर भाटी समेत 12 लोग हैं आरोपी

ग्रेटर नोएडा में सपा नेता और प्रधान हरेंद्र नागर हत्याकांड में अदालत 30 मार्च मंगलवार को फैसला सुनाएगी। इस मामले में कुख्यात सुंदर भाटी और 12 अन्य आरोपी हैं। यह पहला मामला है जिसमें गैंगस्टर सुंदर भाटी और उसके गुर्गों को सजा सुनाई जाएगी।
दनकौर कोतवाली क्षेत्र के दादूपुर गांव निवासी सपा नेता और प्रधान हरेंद्र नागर की 8 फरवरी 2015 को नियाना गांव में एक शादी समारोह में हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में हरेंद्र नागर के साथ उनके सरकारी गनर भूदेव शर्मा की भी हत्या हुई थी।
इस हत्याकांड में हरेंद्र नागर के परिवार की तरफ से नौ लोगों को खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया था, जिसमें कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी, सिंहराज और ऋषिपाल के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा था।
पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई बाद उम्मीद थी कि देर शाम तक सभी आरोपियों को सजा सुना दी जाएगी।
शुक्रवार को भी इस मामले में फैसला नहीं आ सका और इस मामले में होने वाली सुनवाई अब मंगलवार तक के लिए टल गई है क्योंकि बचाव पक्ष ने समय मांग लिया। अदालत मंगलवार को फैसला सुनाएगी।
हरेंद्र नागर की हत्या के बाद पुलिस अधिकारियों ने दावा किया था कि हत्या का अहम कारण उसका राजनीति और सरिया व स्क्रैप के कारोबार में बढ़ता वर्चस्व था।
गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में होने वाले सरिये के अवैध कारोबार पर पहले सुंदर भाटी गिरोह का वर्चस्व था और सुंदर भाटी ही इस पूरे धंधे को चलाता था।
खेड़ी गांव का जयचंद इस धंधे का मुख्य रूप से संचालन करता था लेकिन जयचंद की हत्या होने के बाद हरेंद्र का सरिया कारोबार पर वर्चस्व कायम होने लगा था।
जिसको लेकर जहां सुंदर भाटी की बेचैनी बढ़ गई थी, वहीं जयचंद का साला कालू निवासी बील अकबरपुर भी अपने जीजा की हत्या का बदला लेने के लिए बेचैन था। कालू का मानना था कि हरेंद्र प्रधान ने सरिया के व्यापार को लेकर ही उसके जीजा की हत्या कराई थी।