धर्मांतरण अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिका पर छह अप्रैल को होगी सुनवाई
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मानंतरण अध्यादेश की वैधता के खिलाफ लंबित याचिका में कानून बन जाने के बाद दाखिल संशोधन अर्जी को सुनवाई के लिए छह अप्रैल को पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका में दाखिल अंतर्हस्तक्षेपी अर्जी शोभना स्मृति ने वापस ले ली।कोर्ट ने इस आधार पर उनकी अर्जी खारिज करते हुए नई याचिका दाखिल करने की छूट दी है।
नए धर्मानंतरण कानून की वैधता को चुनौती देने वाली संशोधन अर्जी पर सुनवाई पत्रावली पर न होने के कारण नहीं हो सकी। कोर्ट ने अर्जी को पत्रावली के साथ पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने सौरभ कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि धर्मांतरण बिल विधानसभा और विधान परिषद में पास होने के बाद गवर्नर ने भी उसे मंजूरी दे दी। सरकार ने नए कानून का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। कहा गया कि चार मार्च को राजभवन से बिल को मंजूरी मिली और पांच मार्च को गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है। इस प्रकार धर्मांतरण अध्यादेश अब कानून बन चुका है।