मंसूबे विफल

दो साल पहले हुए भयावह पुलवामा हमले वाले दिन फिर बड़ी आतंकी वारदात दोहराने की साजिश का पर्दाफाश होने से देश ने राहत की सांस ली है। यदि सुरक्षा बल सतर्कता न बरतते तो एक बार फिर देश को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती थी।

दरअसल, सुरक्षा बलों को इस बात की भनक तो थी कि पाक पोषित आतंकवादी एक बार फिर पुलवामा की बरसी पर देश को आतंक से दहलाना चाहते हैं। लेकिन इसे सुरक्षा चूक ही माना जायेगा कि कैसे आतंकी विस्फोटक सामग्री जम्मू बस अड्डे के करीब तक ले जाने में कामयाब रहे।

दरअसल, जम्मू पुलिस ने रविवार की सुबह बस स्टैंड से करीब सात किलो आईईडी समेत एक कश्मीरी युवक को गिरफ्तार किया था। यह भी चिंता की बात है कि चंडीगढ़ में पढ़ने वाले एक नर्सिंग के छात्र को कैसे मोहरा बनाया गया। उसे पाक में बैठे आकाओं ने संदेश भेजकर बताया था कि उसे कहां-कहां आईईडी प्लांट करने हैं।

सात किलो आईईडी और अन्य हथियारों की बरामदगी आतंकियों के खतरनाक मंसूबों को ही उजागर करती है जो सुरक्षा बलों को अधिक चौकस होने की जरूरत बताता है। जिस सोहेल नामक छात्र को आईईडी के साथ गिरफ्तार किया गया, उसे पाक स्थित अल बदर तंजीम द्वारा आईईडी प्लांट करने के निर्देश मिल रहे थे।

उसे चार भीड़भाड़ वाले इलाकों को लक्ष्य बनाने को कहा गया था और उसके बाद फ्लाइट से श्रीनगर भाग जाना था। यह भी तय था कि श्रीनगर में उसे किस संगठन से संरक्षण मिलेगा। इस साजिश में शामिल चार लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।

उम्मीद है कि इस साजिश के कुछ और राज सुरक्षा बलों को मिलेंगे। इसके साथ ही सांबा सेक्टर से 15 छोटे आईईडी और छह पिस्तौलें भी बरामद की गई हैं। दो साल पहले पाक की साजिश के चलते जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा कांड को अंजाम दिया था।

विस्फोटों से लदे वाहन की सीआरपीएफ के जवानों की बस से टक्कर मार दी गई थी, जिसमें चालीस जवान शहीद हुए थे। जिसके बाद भारत ने बालाकोट में आतंकियों के ठिकाने नेस्तनाबूद करके पाक को सबक सिखाया था।

हाल के दिनों में पाक ने भारतीय सुरक्षा बलों की सतर्कता के चलते अपनी आतंकी रणनीति में बदलाव किया है। वह पंजाब में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों को मोहरा बनाकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहा है। वह दिल्ली समेत कई अन्य स्थलों को निशाने पर ले रहा है।

पिछले दिनों खबर आई थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के कार्यालय की रेकी करके वीडियो बनाया गया, जिससे आतंकियों के खतरनाक इरादों का पता चलता है। जैश-ए-मोहम्मद के गुर्गे दिल्ली को दहलाने की फिराक में हैं।

नयी जानकारी के अनुसार आतंकी संगठन बिहार से हथियार खरीद रहे हैं और पंजाब में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों को इसमें इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे इन हथियारों को कश्मीर घाटी तक पहुंचाया जा सके। कुछ आतंकी संगठनों के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद ये तथ्य सामने आये हैं।

सांबा क्षेत्र में तेरह फरवरी को गिरफ्तार कुछ आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के अनुषांगिक संगठन से जुड़े हैं। इनके कुछ सदस्य बड़ी बैंक लूट में भी शामिल रहे हैं ताकि आतंकी गतिविधियों के संचालन के लिये धन जुटाया जा सके। इसके कुछ सदस्यों ने पाक में प्रशिक्षण लेने के बाद स्थानीय स्तर पर संगठन खड़े किये हैं।

इस नेटवर्क में सेंध लगाकर पुलिस ने आठ आतंकियों की पहचान करके कार्रवाई शुरू की है। कश्मीर में सख्ती के चलते ये आतंकी संगठन जम्मू को अपना गढ़ बनाने की फिराक में हैं ताकि अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकें।

दरअसल, पाक ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए जहां ड्रोन व सुरंगों के जरिये आतंकी व हथियार भारत भेजने की रणनीति बनायी है, वहीं स्थानीय आतंकी तैयार करने की कोशिश की जा रही है। पिछले कुछ समय में जम्मू क्षेत्र में छह भूमिगत सुरंगों का पता चला है, जिनके जरिये हथियार-आतंकी भारत पहुंचते हैं।

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