किसान बिल पर सरकार बोली, वापस नहीं होंगे कृषि कानून
किसानों की मांगों के मुताबिक संशोधन पर कर सकते हैं विचार
नई दिल्ली : कृषि सुधार कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध बना हुआ है। दोनों पक्षों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी कोई समाधान नहीं निकल पाया है। किसान संगठनों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का एलान किया है। वो तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कृषि कानूनों को वापस तो नहीं लिया जाएगा, लेकिन जरूरत पड़ने पर सरकार किसानों की मांगों के मुताबिक संशोधन पर विचार कर सकती है।
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, ‘सरकार ने जो कानून पास किए हैं वो किसानों को आजादी देते हैं। हमने हमेशा कहा है कि किसानों को यह अधिकार होना चाहिए कि वह अपनी फसल जहां चाहें बेच सकें। यहां तक स्वामीनाथन आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में इसकी सिफारिश की है। मैं नहीं समझता कि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। यदि जरूरी हुआ तो किसानों की मांगों के मुताबिक कानून में कुछ संशोधन किए जाएंगे।’