क्या फोकस्ड फंड हैं फ्लेक्सी-कैप फंड से बेहतर ऑप्शन?

अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं या इसकी जानकारी रखते हैं तो आपने फोकस्ड फंड्स और फ्लेक्सी-कैप फंड्स के बारे में जरूर सुना होगा। पर क्या आप इन दोनों, फोकस्ड फंड्स और फ्लेक्सी-कैप फंड्स, के बारे में विस्तार से जानते हैं?
अगर नहीं तो फिर ये खबर आपके काम की है। हम आपको यहां फोकस्ड फंड्स और फ्लेक्सी-कैप फंड्स के बारे में विस्तार से बताएंगे। साथ ही इनके बीच के अंतर और बेहतर ऑप्शन की भी जानकारी देंगे।

क्या होते हैं फोकस्ड फंड्स
फोकस्ड फंड्स एक तरह के म्यूचुअल फंड होते हैं जो अपना सीमित शेयरों (आमतौर पर अधिकतम 30 कंपनियों) में निवेश करते हैं। ये फंड मैनेजर की मजबूत राय पर आधारित होते हैं, इसलिए वे चुनिंदा अच्छी कंपनियों पर पूरा दांव लगाते हैं।

क्या होते हैं फ्लेक्सी कैप फंड
फ्लेक्सी कैप फंड भी म्यूचुअल फंड हैं जो फंड मैनेजर को लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयर्स में पूरी आजादी देते हैं। इसमें कोई फिक्स्ड अलॉटमेंट नहीं होता और बाजार की स्थिति के हिसाब से मैनेजर 100% लार्ज-कैप या मिड/स्मॉल-कैप में भी निवेश कर सकता है।
यह शेयर डायवर्सिफिकेशन और फ्लेक्सिबिलिटी ऑफर करते हैं, जिससे लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ती है।

क्या होता है फर्क
फोकस्ड फंड और फ्लेक्सी-कैप फंड में अंतर कम और समानता ज्यादा हैं। दोनों ही लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक में इन्वेस्ट कर सकते हैं। पर इनमें बड़ा अंतर ये है कि फ्लेक्सी-कैप फंड जितने चाहें उतने स्टॉक में निवेश कर सकते हैं, जबकि फोकस्ड फंड में यह लिमिट 30 स्टॉक की होती है।

लोगों का किस पर भरोसा है अधिक
एक जैसे फंड होने के बावजूद आंकड़े बताते हैं कि निवेशकों का रुझान एक कैटेगरी की तरफ अधिक है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के डेटा के अनुसार 30 सितंबर, 2025 तक फ्लेक्सी-कैप फंड्स में 5.12 लाख करोड़ रुपये का निवेश है, जबकि फोकस्ड फंड्स के पास 1.63 लाख करोड़ रुपये की एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) है।

किसका बेहतर परफॉर्मेंस
एक कैटेगरी के तौर पर फोकस्ड फंड्स थोड़े अधिक वोलेटाइल रहे हैं। पिछले 10 सालों में इनका स्टैंडर्ड डेविएशन 17.3 फीसदी रहा, जबकि फ्लेक्सी-कैप्स का 16.6 फीसदी रहा। इस उतार-चढ़ाव की वजह है फोकस्ड फंड्स का ज्यादा कंसंट्रेटेड होना।
ये अधिकतम 30 स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं और इस वजह से किसी एक कंपनी का खराब पोर्टफोलियो के परफॉर्मेंस बड़ा असर डालता है।

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