कर्नाटक में भी जल्द बनेगा ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून
कर्नाटक के गृहमंत्री ने उत्तर प्रदेश अध्यादेश का दिया हवाला
बेंगलुरु : राज्य के गृहमंत्री बासवराज बोम्मई ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक में ‘लव जिहाद’ के विरोध में कानून होगा और इसके लिए उत्तर प्रदेश में लाए गए अध्यादेश को लेकर जानकारियां एकत्रित करने का निर्देश दिया गया है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दी है।
अध्यादेश के अनुसार, ऐसे मामलों में गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज होगा। उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी इस मसले पर कानून बनाने की तैयारी चल रही है।
इससे पहले बुधवार को कर्नाटक के मंत्री आर अशोक ने लव जिहाद पर रोक लगाने के साथ इसमें शामिल लोगों को जेल में बंद करने की धमकी दी। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार किसी भी कीमत पर लव जिहाद पर रोक लगाएगी। इसमें शामिल लोगों को हम कैद की सजा देंगे। इन्हें सेंट्रल जेल में बंद किया जाएगा। इसका विरोध करने वाले सिद्दरमैया कौन होते हैं, क्या वे सरकार चला रहे हैं। यह भाजपा सरकार है जो सत्ता में है।’ जबकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी इस तरह के एक मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला दिया है कि अपनी पसंद से शादी करना लोगों का मौलिक अधिकार है।
दरअसल, मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने कहा था कि यदि ‘लव जिहाद’ और गोवध के खिलाफ राज्य सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में कानून लाने का प्रयास करती है तो कांग्रेस उसका विरोध करेगी। बता दें कि ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल मुसलमानों द्वारा प्रेम की आड़ में हिंदू लड़कियां को जबरन कथित धर्मांतरण कराने के लिए रूप से चलाये गये अभियान के लिए करते हैं।
पिछले महीने राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने लव जिहाद के लिए सरकार की ओर से सहमति से इनकार किया था और इसपर रोक के लिए सख्त कदम उठाने की भी बात कही थी। उत्तर प्रदेश में हाल में ही लागू किए गए कानून के अनुसार, लव जिहाद मामले को गैर कानूनी धर्मांतरण माना जाएगा और इसमें संलिप्त दोषियों को 5 से 10 साल की सजा मिलेगी।