देश में तेजी से बढ़ती जनसंख्या को परिवार नियोजन से रोका जा सकता है: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
देश की बढ़ती जनसंख्या पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने चिंता जाहिर की है. वेंकैया नायडू ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए विकास की चुनौतियों में सावधानी बरतनी होगी. राजनीतिक पार्टियों और नेताओं को इस मामले में लोगों को समझाना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने भारत की पारंपरिक संयुक्त परिवार प्रणाली का एक बार फिर जिक्र किया.
उपराष्ट्रपति ने कहा, बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार, अनादर की रिपोर्टों से अत्यंत व्यथित होता हूं.लिंग अनुपात में ज्यादा अंतर होना हमारे समाज की स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. उपराष्ट्रपति ने एक ऐसे समाज के निर्माण का आह्वान किया जो सभी प्रकार के लैंगिक भेदभाव से मुक्त हो.
IAPPD की रिपोर्ट में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की. उपराष्ट्रपति ने जनसंख्या के मुद्दे पर सबका ध्यान लाते हुए कहा कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण आज विकास की चुनौतिया बढ़ती जा रही हैं. रिपोर्ट पर बात करते हुए उपराष्ट्रपति बोले- हमें जनसंख्या और विकास के बीच के संबंध को पहचानने की जरूरत है. विशेषज्ञों द्वारा किए गए अनुमानों के हवाले से कहा गया है कि भारत की जनसंख्या 2036 तक बढ़कर 1.52 बिलियन हो जाएगी.’
वेंकैया नायडू ने कहा कि जनसंख्या बढ़ोत्तरी के चलते आज 20 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं और इतने ही लोग अशिक्षित भी हैं. इस मामले पर बात करते हुए उन्होंने परिवार नियोजन पर जोर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए कहा था कि जिनका परिवार छोटा है उन्होंने भी देश के विकास में अपना सहयोग दिया है.