SC ने प्रशांत भूषण और पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफअवमानना मामले में और सुनवाई की है जरूरत

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) और पत्रकार तरुण तेजपाल (Tarun Tejpal) के खिलाफ साल 2009 के आपराधिक अवमानना मामले में और सुनवाई की जरूरत बताई है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि इस बात के परीक्षण की और जरूरत है कि भूषण और तेजपाल की जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार पर टिप्पणी अवमानना के दायरे में आती है या नहीं…

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को निर्धारित की है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नवंबर 2009 में भूषण और तेजपाल को अवमानना नोटिस जारी किया था। भूषण और तेजपाल पर एक समाचार पत्रिका के साक्षात्कार में शीर्ष अदालत के कुछ मौजूदा एवं पूर्व न्यायाधीशों पर कथित तौर पर गंभीर आरोप लगाए थे।

तेजपाल तब इस पत्रिका के संपादक थे। शीर्ष अदालत ने बीते चार अगस्‍त को भूषण और तेजपाल को कहा था कि यदि वह मामले में उनकी माफी स्वीकार नहीं करती है तो आगे सुनवाई जारी रखेगी। अदालत के मौजूदा रुख से साफ हो गया है कि वह इस मामले में आगे सुनवाई करेगी। पिछली सुनवाई पर अदालत ने यह भी कहा था कि वह अभिव्‍यक्ति की आजादी पर खत्‍म नहीं कर रही लेकिन अवमानना की एक पतली रेखा भी है।

बीते दिनों प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में अपने दो कथित अवमानना भरे बयानों का बचाव करते हुए कहा था कि वे जजों के आचरण को लेकर उनके खिलाफ जरूर थे लेकिन उनसे न्याय प्रशासन में कोई व्यवधान आने की संभावना नहीं थी। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने दो अपमानजनक ट्वीट के जरिये न्यायपालिका की कथित अवमानना के लिए 22 जुलाई को भूषण को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

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