हमीरपुर : काकोरी कांड के सहयोगी की वर्णिता ने मनाई पुण्यतिथि

भरुआ सुमेरपुर। लॉकडाउन को ध्यान में रखकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए वर्णिता संस्था के तत्वावधान में विमर्श विविधा के अंतर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत देश प्रेम के पुरोधा प्रेम कृष्ण खन्ना की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संस्था के अध्यक्ष डा.

भवानीदीन ने कहा कि खन्ना भले ही एक नामचीन परिवार में पैदा हुए होंं किंतु वे एक सच्चे देशभक्त थे.

पश्चिमी पंजाब में 2 फरवरी 1894 को रामकृष्ण खन्ना के घर में जन्मे प्रेम कृष्ण के पिता रेलवे विभाग में चीफ इंजीनियर थे.

रेलवे विभाग में ठेकेदारी के दौरान सुरक्षा के लिए इनको ब्रिटिश सरकार से एक रिवाल्वर मिला था. ये बचपन से ही क्रांतिकारियों और विभिन्न आंदोलनों से जुड़े समाचारों और उनकी जीवनी पढ़ा करते थे.

क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल से संपर्क के दौरान 1917 में इन्हें शाहजहांपुर सेवा समिति में शामिल कर लिया गया.

बिस्मिल को आजादी के संघर्ष के लिए शस्त्रों के लिए कारतूसो की आवश्यकता पड़ती थी जो खन्ना के शस्त्र लाइसेंस के जरिये कारतूस खरीदकर मिल जाते थे.

असहयोग आंदोलन मे खन्ना की सक्रिय सहभागिता रही. 9 अगस्त 1925 को काकोरी कांड मे बिस्मिल को सहयोग दिए जाने के कारण खन्ना को सात वर्ष की सजा मिली.

ये दो बार विधानसभा और दो बार  लोकसभा सदस्य  रहे. इन्होंने काकोरी के शहीदों की स्मृति मे छ शिक्षण संस्थान स्थापित कराए.

जीवन भर शहीदों और उनके आश्रितों की मदद की. देश के प्रति इनके  योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है.

कार्यक्रम में राजकुमार सोनी सरार्फ, कल्लू चौरसिया, पिन्कू सिह, लल्लन गुप्ता और प्रांशु सोनी मौजूद रहे।

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