अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ता जा रहा तनाव, दो दिन पहले मारे गए थे 22 अफगान नागरिक

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। दो दिन पहले अफगानिस्तान ने दावा किया था कि पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग में उसके 22 नागरिकों की मौत हो गई है। पाकिस्तान ने कहा था कि अफगानिस्तान की तरफ से फायरिंग की गई। इस बीच, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने पाकिस्तान को सभ्यता और दोस्ताना बर्ताव की सलाह दी है। करजई ने कुछ महीने पहले कहा था कि अफगानिस्तान में ज्यादातर आतंकी हमले पाकिस्तान की शह पर होते हैं। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने इस करजई की बात का समर्थन किया था।

करजई ने क्या कहा
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति करजई ने शुक्रवार को पाकिस्तान बॉर्डर पर हुई फायरिंग पर अफसोस जाहिर किया। उन्होंने कहा कि ईद के ठीक पहले हुई इस घटना से दोनों देशों के रिश्ते ज्यादा बिगड़ सकते हैं। पाकिस्तान को एक तरह से चेतावनी देते हुए करजई ने कहा- पाकिस्तान को अब अपने पड़ोसियों और खासकर अफगानिस्तान से रिश्ते सुधारना चाहिए। उसे सभ्यता और दोस्ताना रखने होंगे। करजई ने मार्च में वॉशिंगटन पोस्ट को एक इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने अफगानिस्तान में होने वाली आतंकी घटनाओं के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था।

सीमा पर तनाव बढ़ा
पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ गया है। अफगानिस्तान का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना ने उसके बेगुनाह लोगों पर बेवजह फायरिंग की। शनिवार रात मरने वालों का आंकड़ा 22 हो गया। दूसरी तरफ, पाकिस्तान सरकार और सेना इस मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है। इमरान खान सरकार के मंत्री शिबली फराज ने कहा- हम तनाव नहीं चाहते। लेकिन, अगर दूसरी तरफ से फायरिंग होती है तो पाकिस्तान की फौज इसका जवाब देना जानती है।

अमेरिका ने चुप्पी साधी
अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। लेकिन, अमेरिकी सरकार ने अब तक इस बड़ी घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। विदेश विभाग के एक अफसर ने सिर्फ इतना कहा कि अमेरिका इस घटना पर नजर रख रहा है। बता दें कि अमेरिका कई बार पाकिस्तान को तालिबान की मदद करने पर चेता चुका है। अमेरिका का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना अफगान तालिबान और खासतौर पर हक्कानी नेटवर्क को मदद देती है।

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