हरिद्वार में बारिश की वजह से एक मकान गिरने से महिला और बच्चा घायल…….

मानसून सीजन को पूरे दो माह बीत चुके हैं। इस दौरान प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश सामान्य से बेहद कम हुई। वहीं, कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां बारिश ने आफत बरसा रखी है। खासकर पिथौरागढ़, बागेश्वर और चमोली में बारिश के कारण दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। अतिवृष्टि और भूस्खलन से इस सीजन कई मौत भी हो चुकी हैं। बागेश्वर जिले में इस बार अब तक सामान्य से करीब ढाई गुना अधिक बारिश हुई है, जबकि उत्तरकाशी लगातार बारिश को तरस रहा है। वहीं, रातभर हुई बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे लामबगड में मलबा आने के कारण सडक अवरूद्ध हो गई है।

मौसम विभाग के मानकों के अनुरूप हर साल एक जून से 30 सितंबर तक के समय को मानसून सीजन माना जाता है। उत्तराखंड में सामान्यत: 20 जून के बाद मानसून सक्रिय होता है। इससे पहले प्री मानसून शावर का क्रम बना रहता है। इस बार भी 23 जून को मानसून ने उत्तराखंड में दस्तक दे दी थी। हालांकि, बात करें मानसून सीजन की तो एक जून से 31 जुलाई तक दो माह में प्रदेश में सामान्य से 16 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है।

मकान गिरने से महिला और बच्चा घायल 

हरिद्वार के इक्कड़ खुर्द गांव में बारिश के चलते एक मकान गिर गया। मकान गिरने से एक महिला और बच्चा घायल हो गया। ग्रामीणों ने किसी तरह मलबे में दबे बच्चे और महिला को बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया। सूचना मिलने पर एसडीएम गोपाल सिंह चौहान मौके पर पहुंचे हैं।

अनियमित है बारिश का क्रम

बीते 23 जून को मानसून ने उत्तराखंड में दस्तक दी थी। कुमाऊं से गढ़वाल पहुंचने में मानसून को चार दिन का समय लगा। इसके बाद जब मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय हो गया, तब भी बारिश का क्रम बेहद धीमा रहा। मानसून सक्रिय होने के बाद पहले सप्ताह में प्रदेश में सामान्य से 47 फीसद कम बारिश हुई। दूसरे सप्ताह में मानसून ने कुछ रफ्तार पकड़ी और गढ़वाल के अधिकतर जिलों में बारिश का सिलसिला कुछ तेज हुआ। दूसरे सप्ताह में प्रदेश में सामान्य से 46 फीसद अधिक बारिश हुई। तीसरे और चौथे सप्ताह में मानसून फिर सुस्त हो गया, जिसमें सामान्य से क्रमश: 45 फीसद और 19 फीसद कम बारिश दर्ज की गई।

पॉकेट्स में हो रही बारिश ने बढ़ाई चिंता

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, क्लाइमेट वेरिएबिलिटी पूरे हिमालयी क्षेत्र में बढ़ गई है। बारिश की तीव्रता भी अनियमित हो गई है। बारिश पॉकेट्स में हो रही है। किसी एक जगह बादल इकट्ठा होते हैं और भारी वर्षा से बादल फटने जैसे हालात बन जाते हैं। बारिश का समान डिस्ट्रिब्यूशन नहीं है। गॢमयों में हीट वेव बढऩे से घाटियां और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गर्मी बढ़ रही है। जिसका असर जलवायु में आ रहे बदलावों पर पड़ता है। नीचे से उठने वाली गर्म आद्र्र हवाएं बादलों से टकराकर ठंडी हवाओं को पानी की बूंदों में बदल देती हैं। जिससे अतिवृष्टि के हालात बन जाते हैं।

जनपद, वास्तविक बारिश, सामान्य बारिश, अंतर

बागेश्वर, 1022, 410, 149

ऊधमसिंह नगर, 609, 505, 21

पिथौरागढ़, 871, 764, 14

चमोली, 372, 349, 07

हरिद्वार, 405, 425, -05

अल्मोड़ा, 312, 410, -24

टिहरी गढ़वाल, 326, 452, -28

नैनीताल, 495, 696, -29

देहरादून, 489, 699, -30

रुद्रप्रयाग, 469, 689, -32

पौड़ी गढ़वाल, 314, 546, -42

चंपावत, 383, 665, -42

उत्तरकाशी, 275, 580, -53

(बारिश मिलीमीटर में और अंतर फीसद में)

घरों में घुसा पानी

दून में शुक्रवार रात भी जमकर बारिश हुई। इससे शहर की अधिकतर मुख्य सड़कों और गलियों में पानी भर गया। यह पानी लोगों के घरों में घुस गया और उनका सामान भी खराब हो गया। शुक्रवार रात हुई बारिश से मोथरोवाला के विष्णुपुरम, नकरौंदा, रायपुर, नेहरूग्राम समेत कई इलाकों में जलभराव हुआ। बारिश का पानी घरों में घुस गया।

सूचना मिलने पर नगर निगम की टीम ने जगह-जगह जाकर पानी निकासी के इंतजाम किए। विष्णुपुरम लेन नंबर एक में पीएनबी के पास भारी जलभराव हुआ। रायपुर, लाडपुर, मोहकमपुर, नकरौंदा, बद्रीपुर, राजेश्वरीपुरम, जोगीवाला, गांधीग्राम, कांवली रोड, दिव्य विहार, कारगी ग्रांट, सारथी विहार, डालनवाला के कुछ हिस्से में भी जलभराव की समस्या रही। उधर, मंडी समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। वह ननूरखेड़ा में ईश्वर विहार भी पहुंचे। यहां बाशिंदों ने जलभराव से हुई समस्या उन्हें बताई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker