राजधानी में हुई बारिश ने दिल्ली ही नहीं देश के लोगों का भी ध्यान किया आकर्षित

राजधानी में रविवार को हुई बारिश ने दिल्ली ही नहीं देश के लोगों का भी ध्यान आकर्षित किया। मिंटो ब्रिज के नीच डीटीसी की बस पानी में डूब गई। यात्रियों को सीढ़ी लगाकर जान बचानी पड़ी। सवाल उठता है कि हर साल यहां पर जलजमाव सुर्खियां बटोरता है तो इसका समाधान क्यों नहीं किया गया।

राजधानी में सरकारें आई और गई लेकिन मिंटो ब्रिज के नीचे होने वाले जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हो सका। आलम यह है कि, 27 साल बाद भी यहां बारिश में जलभराव जानलेवा साबित हो रहा है। इस बीच पांच मुख्यमंत्री दिल्ली को मिले, लेकिन कोई भी इस समस्या का समाधान नहीं कर सका। 1993 से दिल्ली में पहली बार भाजपा की सरकार बनी और मदनलाल खुराना मुख्यमंत्री बने। उनके बाद उसी कार्यकाल में साहिब सिंह वर्मा और फिर सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं।

भाजपा की सरकार के पांच साल पूरे होने पर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस की शीला दीक्षित ने दिल्ली में 15 साल तक राज किया और तमाम समस्याओं का समाधान किया, मगर मिंटो ब्रिज के नीचे जलभराव की समस्या को वह दूर नहीं करा सकीं। हालांकि इस दौरान इस के हल के लिए अस्थायी समाधान को मजबूत जरूर किया गया।

इसके बाद 2013 में 49 दिन की अरविंद केजरीवाल की सरकार आई। इसके बाद करीब एक साल तक दिल्ली में उपराज्यपाल ने भी सीधे तौर पर सत्ता चलाई। मगर इस समस्या का समाधान नहीं निकल सका है। इसके बाद से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, लेकिन अभी तक के सभी प्रयास असफल साबित हुए हैं।

इस समस्या का नहीं है स्थायी समाधान

दिनेश कुमार इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सकता है। लोक निर्माण विभाग के पूर्व प्रमुख अभियंता दिनेश कुमार मिंटो ब्रिज के नीचे जलभराव दूर करने वाली टीम के प्रमुख विशेषज्ञों में शामिल रहे हैं। उनका कहना है कि मिंटो ब्रिज के नीचे जलभराव दूर करने के लिए, जो तरीके अपनाए जा रहे हैं, वे बेहतर हैं। यह ब्रिज जिस जगह पर है, वह क्षेत्र बहुत नीचा है। इसके आसपास का इलाका ऊंचा है। यहां पर सदैव से पानी भरता रहा है। वहां लगे पंप की व्यवस्था और मजबूत की गई थी। कुछ साल पहले वहां अत्यंत पावरफुल पंप लगाए गए हैं। इससे भरने वाले पानी को उसी समय निकाल देते हैं, मगर यहां पर पुरानी दिल्ली की ओर से एक सीवरलाइन भी आती है, जो बारिश के समय कई बार ओवरफ्लो हो जाती है।

जल बोर्ड के अधिकारियों ने किया निरीक्षण

मिंटो रोड पर जलभराव की घटना के बाद जल बोर्ड के अधिकारियों ने भी मौके पर जाकर निरीक्षण किया। जल बोर्ड का कहना है कि विभाग के सीवर नेटवर्क में जाम की समस्या नहीं है, वह बिल्कुल खुला है। इसलिए इस घटना से विभाग का कोई लेना देना नहीं है। वर्ष 2018 में भी पानी वहां जमा हुआ था। क्योंकि सीवर नेटवर्क को सुरक्षा कारणों से बंद किया गया था। उस घटना के बाद सीवर नेटवर्क को खोल दिया गया था। तब से सीवर नेटवर्क में कोई समस्या नहीं है।

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